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50 साल का हुआ HPU, कुछ इस तरह रहा स्थापना के बाद विवि का सफर

एचपीयू आज 50वां स्थापना दिवस समारोह मना रहा है. 22 जुलाई 1970 को स्थापित हुए हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के इतिहास में कई उपलब्धियां और काले पन्ने दर्ज हैं.

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Published : Jul 22, 2019, 6:00 AM IST

Updated : Jul 22, 2019, 9:14 AM IST

एचपीयू

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय सोमवार को 50 साल का हो जाएगा. 22 जुलाई 1970 को स्थापित हुए एचपीयू ने अपने इतिहास में कई उपलब्धियां दर्ज की हैं. वहीं, इसके इतिहास में कई काले पन्ने भी दर्ज हुए हैं. एचपीयू के 50 वर्षों के इतिहास की बात की जाए तो एचपीयू की सबसे बड़ी उपलब्धि नेक्स ए ग्रेड प्राप्त करना है.

एचपीयू हॉस्टल

इसके अलावा एचपीयू ने विश्वविद्यालय के अधिकतर काम ऑनलाइन कर दिए हैं. एचपीयू में छात्रों की एडमीशन के साथ परीक्षा फॉर्म भी ऑनलाइन जमा किए जा रहे हैं. इसके साथ ही विश्वविद्यालय छात्रों के कोर्स की फीस भी ऑनलाइन ही ले रहा है. एचपीयू अपने प्रोसेस को पूरी तरह से कैशलेस करने की ओर अग्रसर है. एचपीओ ने विश्वविद्यालय के यूआईआईटी संस्थान में तीन नए कोर्स शुरू करने के साथ ही 69 प्रोफेसर्स और 14 गैर शिक्षक कर्मचारियों के पद भी स्वीकृत किए हैं.

एचपीयू ने अपने स्थापना दिवस समारोह में भारत के राष्ट्रपति से लेकर आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को भी आमंत्रित किया है. इतना ही नहीं एचपीयू ए ग्रेड से बेहतर ग्रेड प्राप्त कर सके इसके लिए विश्वविद्यालय में शैक्षणिक स्तर को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है इसके लिए 26 सदस्यीय कमेटी का गठन भी एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने किया है.

एचपीयू कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने विश्वविद्यालय परिसर के सौंदर्यीकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और सफाई को बढ़ावा देने के साथ खेलकूद और अन्य गतिविधियों के लिए भी विशेष प्रयास किए हैं. इसके साथ ही कुछ प्रयास अभी प्रस्तावित हैं. कुलपति के अनुसार, विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, रसायन विभाग, भौतिकी विभाग, सांख्यिकी और गणित सहित एमटीए में यूजीसी से विशेष सहायता कार्यक्रम प्राप्त करने में विश्वविद्यालय में सफलता हासिल की है.

इसके तहत करोड़ों रुपये की धनराशि एचपीयू को प्राप्त हुई है. एचपीयू में लगातार नेट, जेआरएफ उत्तीर्ण करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही छात्र राजीव गांधी छात्रवृत्ति, भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद और भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रोत्साहित छात्रवृत्तियां हासिल की हैं.

विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या को देखते हुए प्रत्येक विभाग में खासकर व्यवसायिक विभागों में प्रवेश की सीटों को दुगना किया गया है. एचपीयू प्रशासन ने भविष्य को लेकर भी अपनी कई योजनाएं शुरू की हैं, जिसके तहत एचपीयू का नया कैंपस घनाहट्टी में बनाने से लेकर एचपीयू में मिली नई जमीन पर विवि के चार छात्रवासों का निर्माण कार्य, खेलकूद व अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पोर्टरहिल समीप इनडोर खेल स्टेडियम बनाने की योजना के साथ ही प्रत्येक छात्रावास के 50 लाख की लागत से फिटनेस के लिए जिम स्थापित करने की योजना एचपीयू ने बनाई है.

एचपीयू लाइब्रेरी

इसके अलावा एचपीयू के संध्याकालीन अध्ययन केंद्र में ऐतिहासिक धरोहर के अनुरूप नई वास्तुकला के निर्माण के साथ नया भवन तैयार करने की विधि विश्वविद्यालय की योजना है. एचपीयू के इतिहास में जहां कई उपलब्धियां दर्ज हैं. वहीं, एचपीयू के इस इतिहास के कुछ पन्ने खून और हिंसा से भी रंगे पड़े हैं.

एचपीयू के 50 वर्षों के इतिहास में जहां छात्र संगठनों के आपसी खूनी संघर्ष में चार छात्र नेताओं ने अपनी जान गंवाई है. वहीं, अभी भी एचपीयू में छात्र संगठनों की हिंसा मुख्य समस्या बनी हुई है. इन्हीं छात्र संगठनों की हिंसक घटनाओं के चलते एचपीयू प्रशासन ने छात्र संघ चुनावों पर भी रोक लगाई है, लेकिन बावजूद इसके भी एचपीयू प्रशासन छात्र गुटों के बीच होने वाली हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है.

हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सोमवार को अपने पचास सालों का जश्न मनाने जा रहा है. इस जश्न में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ ही शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी शामिल होंगे. एचपीयू कई भवनों और पुस्तकालय का लोकार्पण करने के साथ ही कई भवनों की आधारशिला भी रखी जाएगी. इसके साथ ही शिक्षकों,कर्मचारियों और एससीए के प्रतिनिधियों को सम्मानित करने के साथ ही कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी एचपीयू अपने इस जश्न में शामिल कर रहा है.

Last Updated : Jul 22, 2019, 9:14 AM IST

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