मंडी: डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने बुधवार को एनजीटी मामलों पर चर्चा के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स की जिलास्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने बैठक में जिला पर्यावरण योजना के कार्यान्वयन की जानकारी भी ली.
डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने सरकारी महकमों को अपने सेप्टिक टैंकों की समय पर मरम्मत और ठीक रखरखाव करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिन सरकारी महकमों के कॉमन सेप्टिक टैंक हैं, उनकी लीकेज और अनुपचारित कचरे के निकलने से पेयजल स्रोतों के दूषित होने का कोई भी मामला सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे मामलों में संबंधित महकमे को रोज का पांच हजार रुपए जुर्माना भरना होगा. इसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पहले ही सभी शहरी स्थानीय निकायों के साथ साथ जलशक्ति, हिमुडा और उद्योग विभाग सहित संबंधित महकमों के पदाधिकारियों को पत्र के जरिए हिदायत दी जा चुकी है.
शहरी निकायों के कार्यकारी अधिकारियों को घरेलू और ई-कचरे के लिए पर्याप्त संख्या में कूूड़ादान लगाने के निर्देश दिए. कचरे के सही निष्पादन एवं रिसाइकल की व्यवस्था को पुख्ता करने को कहा. उन्होंने नदियों में मूर्ति विसर्जन को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित बनाने को भी कहा.
एनजीटी भूजल के अवैध निष्कर्षण को लेकर बेहद गंभीर
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भूजल के अवैध निष्कर्षण को लेकर बेहद गंभीर है. जिला में अवैध तरीके से भूजल का दोहन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि एनजीटी रिवालसर झील के जल की गुणवत्ता की निगरानी भी कर रहा है. रिवालसर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लागने की दिशा में काम किया जा रहा है.