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मांगों को लेकर मीड-डे मील वर्कर्स का 'हल्ला बोल', कहा: 15 सालों से मिल रही 33 रुपये दिहाड़ी

मिड-डे मील वर्करों की मांग है कि पॉलिसी बनाकर उन्हें नियमित किया जाए. हुक्कू देवी ने बताया कि वह बीते 15 सालों से सिर्फ 33 रूपए दिहाड़ी पर अपनी सेवाएं दे रही है, जबकि महंगाई के इस दौर में इतने कम वेतन में गुजारा कर पाना मुमकिन नहीं है.

mid day meal worker

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Published : Sep 4, 2019, 5:09 PM IST

मंडी: जिला में बुधवार को मिड-डे मील वर्कर अपनी मांगों को सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिला प्रशासन के माध्यम से मिड डे मील वर्कर्स ने केंद्र और राज्य सरकार को अपने मांगपत्र भेजे हैं.

मिड-डे मील वर्करों की मांग है कि पॉलिसी बनाकर उन्हें नियमित किया जाए. मिड डे मील वर्कर हुक्कू देवी ने बताया कि वह बीते 15 सालों से सिर्फ 33 रूपए दिहाड़ी पर अपनी सेवाएं दे रही है, जबकि महंगाई के इस दौर में इतने कम वेतन में गुजारा कर पाना मुमकिन नहीं है. केंद्र सरकार ने एक साल पहले वेतन में एक हजार रूपए की बढ़ोतरी करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इस बात को लेकर आज दिन तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. मिड डे मील वर्कर्स को 12 में से सिर्फ 10 महीनों का ही वेतन दिया जाता है. मिड-डे मील वर्कर्स को दूसरी कोई सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है.

बता दें कि सीटू के बैनर तले इस विरोध प्रदर्शन में जिला भर से आई मिड-डे मील वर्कर्स ने भाग लिया. सीटू के जिला सचिव गुरदास वर्मा ने सरकार को चेताया कि अगर मिड-डे मील वर्कर्स की मांगों को नहीं मानने पर आने वाले समय में आंदोलन और तेज किया जाएगा.

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