मंडी:हिमाचल प्रदेश में इस बार की बरसात कहर बनकर बरसी थी. प्रदेशभर में हजारों करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. प्रदेश में सैंकड़ों सड़कें और पुल बाढ़-बारिश की भेंट चढ़ गए हैं. मंडी जिले में बरसात की मचाई तबाही के निशान अभी तक बाकी हैं. आपदा के करीब 3 माह बाद भी जन जीवन पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है.
जुलाई में बहा था औट पुल: मंडी जिले के औट में लारजी डैम की रेज़रवॉयर पर ब्यास नदी पर बना लोहे का पुल बीती 9 जुलाई को बाढ़ की भेंट चढ़ गया था. ये औट पुल मंडी और कुल्लू जिले को आपस में जोड़ने का काम करता था. बंजार, सैंज और बालीचौकी तहसील की जनता इस पुल के जरिए औट बाजार आती थी, लेकिन अब पुल टूट जाने के कारण लोगों को करीब 6 किलोमीटर का एक्सट्रा सफर तय करके औट आना पड़ रहा है. जिससे लोगों में काफी रोष की स्थिति है.
स्थानीय लोगों की मांग:स्थानीय लोगों का कहना है कि आपदा के 100 दिन बीत जाने के बाद भी औट पुल के पुनर्निर्माण को लेकर सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. जिससे लोग सरकार से खासे खफा हैं. स्थानीय निवासी रविंद्र सिंह और नरेंद्र कुमार ने बताया कि पुल के टूट जाने से औट बाजार की रौनक कम हो गई है. उनके कारोबार पर भी विपरित प्रभाव पड़ रहा है. जिससे उन्हें काफी ज्यादा नुकसान भी हो रहा है. स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से औट पुल को जल्द से जल्द बनाने की मांग उठाई है.