करसोग: कोरोना महामारी में लोगों की सेवा में दिन रात मोर्चे पर डटे हेल्थ सोसाइटी के सैकड़ों कर्मचारी स्वाथ्य मंत्री के तर्क से काफी आहत हैं. इन कर्मचारियों ने अब सरकार को पॉलिसी न बनाए जाने या फिर वित्तीय लाभ न मिलने पर कोर्ट में जाने का अल्टीमेटम दे दिया है.
हेल्थ सोसाइटी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर विधानसभा में 17 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री से मिले थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्थ सोसाइटी के कर्मचारियों को केंद्र सरकार का हवाला दे दिया. जिससे हेल्थ सोसाइटी के कर्मचारी भड़क गए हैं और सरकार से अन्य विभागों की तरह पॉलिसी बनाने या फिर वित्तीय लाभ देने की मांग की है.
साथ ही कहा कि अगर अब भी मांग को सुना नहीं गया तो हेल्थ सोसाइटी के कर्मचारियों ने मजबूरन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में हेल्थ सोसाइटी के तहत करीब 1500 कर्मचारी कोरोना संकट के दिनों में भी जान जाखिम में डाल कर लोगों की सेवा कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार इन कर्मचारियों का भविष्य संवारने के लिए कोई भी पॉलिसी नहीं बना रही है, जबकि ये कर्मचारी पिछले 15 से 20 सालों से पॉलिसी बनाए जाने की लगातार मांग उठा रहे हैं.
हैरानी की बात है कि कर्मचारियों की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है. सरकार की इस अनदेखी से हेल्थ सोसाइटी के तहत एड्स कंट्रोल सोसायटी, एनआरएचएम व आरएनटीसीपी में काम कर रहे कर्मचारियों को भविष्य की भी चिंता सताने लगी है.
करसोग में हेल्थ सोसायटी के तहत एनआरएचएम में अकाउंटेंट पद पर कार्य कर रहे महेंद्र कुमार ने बताया कि हेल्थ सोसायटी के कर्मचारी पॉलिसी या फिर रेगुलर पे स्केल देने के बारे में मंत्री से मिले थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्थ सोसाइटी के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के तहत होने की बात कह दी, इससे कर्मचारी आहत हैं. उन्होंने कहा कि हेल्थ सोसाइटी में जितनी भी भर्ती हुई है, वह प्रदेश सरकार ने की है. उन्होंने कहा कि सरकार हमारे लिए पॉलिसी बनाए अन्यथा हेल्थ सोसायटी के कर्मचारी कोर्ट का दरवाजा खटखाने को मजबूर होंगे.