हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

Mandi Suraj Kund: 23 साल बाद सूरज कुंड में बही पानी की अविरल धारा, सुकेत रियासत काल से जुड़ा है इतिहास

मंडी जिले में स्थित सूरज मंदिर में 23 सालों बाद सूरज कुंड में अविरल धारा बहने लगी है. जिससे सुंदरनगर के लोंगों में खुशी देखी जा रही है. इस मंदिर का इतिहास सुकेत रियासत काल से जुड़ा है. पढ़िए पूरी खबर...(Mandi Suraj Kund) (Suraj Kund temple History)

Mandi Suraj Kund
सूरज कुंड में बही पानी की अविरल धारा

By

Published : Aug 21, 2023, 1:24 PM IST

Updated : Aug 21, 2023, 4:21 PM IST

सूरज कुंड में बही पानी की अविरल धारा

मंडी:हिमाचल प्रदेश में कुदरत के कहर से जहां हर ओर त्राहिमाम मचा हुआ है. वहीं, इस बारिश की वजह से सुकेत रियासत काल के ऐतिहासिक सूरज कुंड में 23 साल के लंबे अंतराल के बाद अविरल धारा बहने लगी है. इससे स्थानीय लोगों में खुशी देखी जा रही है. इस ऐतिहासिक सूरज कुंड को दो दशकों के सूखे के बाद भरा हुआ, देखना सुंदरनगर के लोगों के लिए किसी सुखद अनुभूति से कम नहीं है.

23 साल बाद सूरज कुंड में बही धारा: बता दें कि सूरज कुंड में अंतिम बार साल 2000 में पानी का प्रवाह आया था. बताया जाता है कि इस सूरज कुंड का इतिहास सुकेत रियासत से जुड़ा हुआ है. सुकेत रियासत के महाराजा गरूड़ सेन की रानी पन्छुम देई की भगवान सूर्य नारायण के प्रति अपार श्रद्धा थी. जिसकी वजह से राजमहल के समीप सूरज कुंड स्थापित किया गया था. मान्यता है कि सूरज कुंड मंदिर का जल औषधीय गुणों से भरपूर था. रियासत का विलय होने के बाद यह मंदिर सरकार के अधीन चला गया और धीरे-धीरे उपेक्षा के चलते अपना अस्तित्व खोता चला गया.

23 सालों बाद सूरज कुंड में बही धारा

हिमाचल प्रदेश का दूसरा सूर्य मंदिर: मंदिर के सराय भवन के स्तंभ और छत पूरी तरह खराब हो चुके हैं और मुख्य मंदिर भी गिरने की कगार पर है. सूरज कुंड मंदिर हिमाचल प्रदेश का दूसरा सूर्य मंदिर है, जिसकी स्थापना 1721 ईसवीं में हुई थी. रानी पन्छमु देई का सूर्य भगवान पर अगाध श्रद्धा व विश्वास था. इस कारण राजमहल के समीप भेछणी धार की तलहटी में सूर्य मंदिर स्थापित किया गया. रानी ने यहां पर अष्टधातु की मूर्ति स्थापित की. मंदिर का निर्माण प्राकृतिक जल स्रोत के ऊपर किया और सामने जलकुंड का निर्माण करवाया. मूर्ति के नीचे से जल धारा प्रवाहित होकर उस जल कुंड में गिरती थी, जो सदा भरा रहता था.

मंडी जिले में सूरज कुंड मंदिर

कुंड में स्नान से चर्म रोग से मिलता निजात:मान्यता है किसूरजकुंड में आरोग्यता के लिए यंत्र का प्रयोग किया जाता था. महारानी प्रतिदिन सूर्य भगवान की मूर्ति व चमत्कारिक यंत्र का स्नान किया करती थी, जिसका जल प्राकृतिक स्त्रोत के माध्यम से उस जल कुंड में गिरता था. इसमें स्नान करने से अनेक प्रकार के चर्म रोग खत्म हो जाते थे. महारानी स्नान के बाद बचे हुए जल को अभिमंत्रित कर रोगी को दिया करती थी. इस जल को ग्रहण करने से नेत्र रोग के अलावा बच्चों में पाए जाने वाले विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती थी.

सूरज कुंड में धारा बहने से भक्तों में खुशी

रानी के पास था दैवीय शक्तियों का भंडार:ऐसी मान्यता है कि सूर्य की उपासना से महारानी के पास दैवीय शक्तियों का भंडार था. महारानी द्वारा सूर्य नारायण भगवान के यंत्र व अष्टधातु की मूर्ति के स्नान के समय तत्कालीन चमत्कारी बर्तन से अनेक प्रकार की किरणें प्राकट होता था.

देश भर में मात्र तीन सूर्य मंदिर:वर्तमान समय में देशभर में तीन सूर्य मंदिर है. जिसमें से हिमाचल प्रदेश में दो सूर्य मंदिर है. जिसमें एक रामपुर के नीरथ गांव और दूसरा सुंदरनगर के ललित नगर में स्थित है. यह सुंदरनगर से दो किलोमीटर व ललित चौक से पांच सौ मीटर की दूरी पर महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल कॉलेज मार्ग पर स्थित है.

सूरजकुंड मंदिर सुधार समिति की अध्यक्षा सरला गौतम, सचिव आचार्य रोशन शर्मा और मुख्य सलाहाकार लक्ष्मीधर शर्मा ने बताया कि 23 सालों के बाद यहां पानी की अविरल धारा बहने से स्थानीय लोगों में काफी प्रसन्नता है. सूरज कुंड मंदिर सुधार समिति द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि मंदिर को बेहतर स्थिति में लाया जाए.

ये भी पढ़ें:Shimla Shiv Temple Landslide: स्वास्थ्य मंत्री ने मृतकों के परिजनों से की मुलाकात, वन विभाग को दिए खतरे वाले पेड़ काटने के निर्देश

Last Updated : Aug 21, 2023, 4:21 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details