कुल्लू/लाहौल-स्पीति: अटल टनल के बन जाने से अब लाहौल घाटी में वाहनों की आवाजाही लगातार सुचारू रूप से जारी है. हालांकि भारी बर्फबारी के चलते कुछ दिनों के लिए टनल बंद हो रही है, लेकिन टनल को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाता है.
ऐसे में बर्फबारी के बीच शीतकालीन खेलों का मजा लेने के लिए पर्यटक जहां मनाली के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पहुंच रहे हैं. वहीं, अब लाहौल में भी कई ऐसे ढलानों को शीतकालीन खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि लाहौल घाटी में भी शीतकालीन खेलों को बढ़ावा मिल सके.
लाहौल घाटी में कई ऐसी कई ढलाने हैं, जहां पर स्कीइंग के साथ कई शीतकालीन खेलों को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है. हालांकि बीते सालों में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार के द्वारा कुछ जगहों का निरीक्षण किया गया था.
वहीं, अब लाहौल के लोगों ने शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने की मांग रखी है. लाहौल घाटी के पर्यटन व्यवसाई पदम देव का कहना है कि पहले रोहतांग दर्रा बर्फबारी के कारण बंद हो जाता था. ऐसे समय में लाहौल घाटी पूरी तरह से कट जाती थी, लेकिन अब अटल टनल के बनने से लाहौल घाटी में वाहनों की आवाजाही सुगम हुई है.
ऐसे में अगर शीतकालीन खेलों को भी बढ़ावा दिया जाता है तो लाहौल घाटी के पर्यटन कारोबार को इससे काफी मदद मिलेगी. पदम देव का कहना है कि लाहौल घाटी में इन दिनों स्थानीय युवा स्कीइंग का मजा ले रहे हैं तो वहीं कई ऐसी ढलाने हैं, जहां पर स्थानीय युवाओं को स्कीइंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार मुहैया करवाए जा सकते हैं.
गौर रहे कि इन दिनों बर्फ देखने की चाहत में बाहरी राज्यों से कुल्लू मनाली का रुख कर रहे हैं तो वहीं वह अटल टनल के माध्यम से लाहौल घाटी भी पहुंच रहे हैं. लाहौल घाटी में अगर शीतकालीन खेलों को बढ़ावा दिया जाता है तो यहां रोजगार के द्वार भी विकसित होंगे.