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हिमाचल के इस गांव में 42 दिन तक बंद रहेंगे टीवी, साइलेंट रहेंगे मोबाइल फोन, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

TV-Phone Closed for 42 days in Goshal village Kullu: हिमाचल प्रदेश देव संस्कृति से संपन्न राज्य है. यहां के लोगों की देवताओं के प्रति अटूट आस्था है और आज भी यहां पर पुराने समय से चली आ रही परंपराओं का पालन किया जाता है. हिमाचल की अद्भुत देव संस्कृति के कई अनूठे उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें से एक गोषाल गांव भी है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 11:57 AM IST

Updated : Jan 15, 2024, 2:57 PM IST

TV-Phone Closed for 42 days in Goshal village Kullu
TV-Phone Closed for 42 days in Goshal village Kullu

कुल्लू: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के गोषाल गांव में अब अगले 42 दिनों तक लोग ना तो टीवी देखेंगे और ना ही किसी तरह का शोर शराबा करेंगे. इतना नहीं ही नहीं लोग अपने मोबाइल फोन को भी साइलेंट रखेंगे, ताकि किसी शोर शराबे के कारण देवताओं की तपस्या में भी विघ्न ना पढ़ सके. मनाली के गोषाल गांव में मकर संक्रांति के अवसर पर अब देवता कंचन नाग, ब्यास ऋषि और गौतम ऋषि के मंदिर के कपाट बंद हो गए हैं और देवता तपस्या पर बैठ गए हैं.

कृषि कार्य भी बंद: ऐसे में अब 42 दिन के बाद मंदिर के कपाट खुलेंगे और देवता ग्रामीणों को अपना आशीर्वाद देंगे. ऐसे में गोषाल के साथ लगते नौ गांव में भी कृषि कार्य पर रोक लग गई है और ग्रामीण 42 दिनों तक देव आदेश में बंध गए हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर देवताओं की मूर्ति पर कपड़े से छानी गई मिट्टी का लेप लगाया गया और पूजा करने के बाद कपाट को बंद कर दिया गया है.

कब खुलेंगे कपाट?अब फागली उत्सव पर मंदिर के कपाट खुलेंगे और उसके बाद ही गांव में लोग रेडियो, टीवी चलाएंगे और कृषि कार्यों को भी पूरा करेंगे. गोषाल गांव के साथ लगते कोठी, सोलंग पलचान, कुलंग, मझाच गांव में भी ऊंची आवाज लगाने शोर मचाने पर रोक रहेगी और आज भी ग्रामीण देव प्रतिबंध का पालन पूरी श्रद्धा से करते हैं.

देवताओं के स्वर्ग से लौटने का इंतजार: देवता के कारदार हरि सिंह का कहना है कि अब जो गांव के लोग देव आज्ञा में बंध गए हैं और सभी लोग स्वर्ग प्रवास से देवताओं के लौटने का इंतजार करेंगे. देवताओं के स्वर्ग से वापस आने पर उत्सव का आयोजन किया जाएगा तथा देवता साल भर की घटनाओं के बारे में भी भविष्यवाणी करेंगे.

देवताओं के स्वर्ग प्रवास से लौटने पर पिंडी से मिट्टी का लेप हटाया जाएगा:गोषाल गांव के साथ अब नौ गांव के लोग देव आदेश में बंद गए हैं तो वहीं, मकर संक्रांति के दिन देवता की पिंडी पर मिट्टी का लेप भी लगाया गया है और 42 दिन के बाद जब देवता स्वर्ग प्रवास से लौटेंगे तो पिंडी से मिट्टी का लेप हटाया जाएगा. ऐसे में मिट्टी के लेप में अगर फूल मिलते हैं तो इसे आगामी समय अच्छा होने का संकेत हैं. अगर सेब के पत्ते मिलते हैं तो इसका मतलब होगा कि सेब की फसल बेहतर होगी. अगर कोयला मिलता है तो इस पूरे इलाके में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होंगी. वहीं, कुमकुम मिलता है तो इसे पूरे इलाके में शादियां ज्यादा होंगी. अगर मिट्टी में पत्थर व बजरी के टुकड़े मिलते हैं तो इससे बाढ़ आने का संकेत कहा जाता है. मिट्टी में मानव के बाल मिलने पर लोगों के नुकसान होने का संकेत माना जाता है. अगर मिट्टी में भेड़ बकरी के बाल मिलते हैं तो इससे पशुओं को नुकसान पहुंचाने का संकेत माना जाता है.

42 दिनों तक नहीं होगा कोई शोर शराबा:वहीं, पूरे इलाके में मान्यता है कि इन दिनों यह देवता स्वर्ग प्रवास पर चले जाते हैं और भी वहां पर तपस्या में लीन रहते हैं. ऐसे में अगर किसी भी तरह का शोर शराबा होता है तो इससे देवताओं की तपस्या में विघ्न होगा और देवता नाराज हो जाएंगे. जिसके चलते 42 दिनों तक ग्रामीणों के द्वारा किसी भी तरह का शोर शराबा नहीं किया जाता है, ताकि देवता आराम से अपनी तपस्या को पूरा कर सके और घाटी के नौ गांव के लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दे सके.

स्वर्ग में देवता की क्या बात हुई ये गुर बताएंगे:देवता कंचन नाग, व्यास ऋषि और गौतम ऋषि की इन नौ गांव में काफी मान्यता है और यह इन गांवों के आराध्य देव हैं. ऐसे में देवता के आदेश की यहां पर हर ग्रामीण के द्वारा पालना की जाती है. हर साल मकर संक्रांति के दिन देवताओं के कपाट बंद किए जाते हैं और 42 दिनों तक लोग देव आदेश का पालन करते हैं. इस साल भी कपाट बंद हो गए हैं और लोग देवता के आदेशों के अनुसार ना तो कोई धार्मिक कार्य करेंगे और ना ही किसी तरह का शोर शराबा करेंगे. अब 42 दिन के बाद देवता जब स्वर्ग का प्रवास से बाहर लौटेंगे तो मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा और देवता के द्वारा स्वर्ग में हुई बातों के बारे में भी देवता का गुर आम जनता को अवगत करवाया जाएगा.

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Last Updated : Jan 15, 2024, 2:57 PM IST

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