कुल्लू: जिले में नशा तस्करों की कमर तोड़ने वाली एसपी शालिनी को अब नई जिम्मेदारी दी गई है. शालिनी अग्निहोत्री को कमांडेंट 1 आईआरबीएन बनगढ़ के साथ 5 आईआरबीएन बस्सीका का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. कुल्लू जिला में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आईपीएस शालिनी ने अपना अहम योगदान दिया.
भारत निर्माण के विभिन्न स्तरों पर भारतीय नारी का असीम योगदान रहा है. महिलाओं ने न सिर्फ कड़े संघर्ष से मिली स्वतंत्रता को बनाए रखा, बल्कि हर क्षेत्र में अपने देश का नाम मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ बुलंदियों तक पहुंचाया. इसी का एक उदाहरण है युवा आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री.
आईपीएस अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री ने भी अपनी मेहनत के बूते कुल्लू को अलग पहचान दी. हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में 14 जनवरी 1989 को रमेश अग्निहोत्री व शुभलता अग्निहोत्री के घर जन्मी शालिनी आज महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है.
जिला कुल्लू की युवा एसपी शालिनी अग्निहोत्री कई युवाओं की रोल मॉडल है. शालिनी ने छोटी सी उम्र में ही बड़ा मुकाम हासिल कर सबको हैरत में डाल कर साबित कर दिया कि मेहनत और संघर्ष के आगे सफलता भी नतमस्तक हो जाती है.
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शालिनी बताती हैं कि बचपन में एक दिन शालिनी और उसकी मां बस में सफर कर रहे थे. जिस सीट पर वो बैठे थे, उसके ठीक पीछे एक आदमी खड़ा था जो उनकी सीट को हाथ से पकड़े हुआ था. शालिनी की मां ने जब उस व्यक्ति से हाथ हटाने के लिए कहा तो उसने गुस्से में हाथ हटाने से मना कर दिया और कहने लगा कि तुम कहीं की डीसी हो क्या जो मैं तुम्हारी बात मानूं.
शालिनी बताती हैं कि तभी उन्होंने ठान ली की उन्हें यही बनना है. शालिनी कहती हैं कि उस घटना के समय वो बहुत छोटी थी और उन्हें डीसी का मतलब पता नहीं था. आखिरकार कड़ी मेहनत और लगन से साल 2012 में अपना आईपीएस अफसर बनने का सपना पूरा किया. यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी के लिए जहां आज कल के युवा कोचिंग सेंटरों की खाक छानते रहते हैं. वहीं, बिना कोचिंग के ही शालिनी अग्निहोत्री ने यूपीएससी का एग्जाम पास किया. इतना ही नही पासिंग आउट परेड के दौरान भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ ट्रेनी के पुरस्कार से नवाजा गया.
एसपी शालिनी का कहना है कि उनके परिवार ने कम संसाधनों के बाद भी उन्हें और उनके भाई-बहन को पढ़ाया. उन्होंने धर्मशाला में डीएवी स्कूल से पढ़ाई की, फिर हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. एसपी शालिनी ने बताया कि उनके बारहवीं में बहुत अच्छे नंबर नहीं आए थे, जिसके बावजूद पेरेंट्स ने उन्हें हौसला दिया.
आज ये युवा आईपीएस पूरे देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है. बात चाहे बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता, नशे के खिलाफ मुहिम, ट्रैफिक या कानून व्यवस्था की हो या फिर सनसनीखेज मामलों की, हर जगह बेहतर कार्य करके इस युवा अधिकारी ने अपनी एक अलग विशेष पहचान कायम की है.
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हाल में ही रूसी महिला के साथ हुए गैंगरेप कांड के रहस्य से पर्दा उठाकर सच्चाई को सभी के सामने रखकर शालिनी ने अपनी टीम के साथ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. इतना ही नहीं एसपी कुल्लू के नेतृत्व में जिला कुल्लू पुलिस द्वारा नशे को जड़ से खत्म करने के लिए जिला पुलिस और नेहरू युवा केन्द्र के संयुक्त सौजन्य से चलाए जा रहे "सहभागिता हमारी और आपकी" प्रोजेक्ट ने पूरे देश में एक अलग छाप छोड़ी है.
जिला कुल्लू पुलिस का मकसद युवाओं, महिलाओं और अन्य जागरूक लोगों के साथ मिलकर जिला कुल्लू को ड्रग फ्री डिस्ट्रिक्ट बनाना था. शालिनी अग्निहोत्री ने टीम सहभागिता के लिए स्कॉच अवार्ड 2018 में रजत पदक हासिल कर पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया है.
गौर रहे देश भर से 140 नामांकन दर्ज हुए थे जो गुड गवर्नेंस कैटेगरी पर आधारित था. उड़ीसा के बाद जिला कुल्लू को दूसरा स्थान मिलना प्रदेश को गौरवान्वित करता है. टीम सहभागिता ने जिला कुल्लू के सभी सरकारी, गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों समेत ग्राम पंचायतों, युवक मंडलों, महिला मंडलों समेत सार्वजनिक स्थानों पर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान छेड़ा है. जिसकी तारीफ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी कर चुके हैं. इसी के अंतर्गत युवाओं में खेल भावना को विकसित करने और उन्हें नशे से दूर रखने के मकसद से एन्टी ड्रग्स स्पोर्ट्स फेयर भी शुरू किया है.
नशे के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ सेल्फी समेत अन्य प्रतियोगिताएं इस मुहिम को सफलता की बुंलदियों तक ले जाने में इस महिला अधिकारी ने भरसक प्रयास किए. इतना ही नहीं जिला कुल्लू के युवकों और युवतियों के लिए उन्होंने जिला में एक अलग पहल भी शुरू की है. उन्हेंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए कैरियर काउंसलिंग क्लासेस शुरू करके सभी युवाओं का दिल जीता है.
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