पालमपुर:प्रदेश भाजपा की सियासी पिच पर अपनों के बीच घिर चुके योजना बोर्ड के अध्यक्ष एवं ज्वालामुखी विधायक रमेश धवाला अब अपने सियासी गुरु शांता कुमार की शरण में पहुंच गए हैं. धवाला अपने ही घर में अपनों की ही सियासत से अंदरखाते काफी खफा हैं.
धवाला को अभी तक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से परिस्थितियों के ठीक होने की आस बंधी है, लेकिन ज्वालामुखी मंडल की कार्यकारिणी भंग होने पर हुई भाजपा की फजीहत से दुखी धवाला अब सीधे पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के पास पहुंचे. शुक्रवार देर शाम को धवाला ने शांता कुमार के साथ उनके निवास स्थान पर मुलाकात की है.
सूत्रों की माने तो धवाला विपक्ष की बजाए अपनों द्वारा की जा रही सियासत से काफी खफा हैं. ऐसे में अंदेशा इस बात का भी लगाया जा रहा है कि वे आने वाले समय में कोई बड़ा कदम भी उठा सकते हैं जो भाजपा के लिए कहीं नुकासनदायक साबित न हो.
सूत्रों का कहना है कि धवाला ने अपने मन की बात शांता के सामने बयां कर दी है. देखना होगा कि भाजपा के बीच चल रहा यह आंतरिक द्वंद अब शांता के दरबार में अरजी के बाद शांत होता है या नहीं.
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा ने अब भी रमेश धवाला की नहीं सुनी तो इसका सीधा असर कांगड़ा जिला में ओबीसी वर्ग की राजनीति पर पड़ेगा, जो भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है. इसका कारण यह है कि धवाला जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और ओबीसी वोटर में अपनी पकड़ रखते हैं.
यह जगजाहिर है कि ज्वालामुखी में रमेश धवाला और प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा के बीच सियासी कशमकश चली हुई है. ज्वालामुखी की ज्वाला को शांत करने की बजाए अब प्रदेश भाजपा ने धवाला समर्थित पूरी मंडल कार्यकारिणी को भंग कर इसमें घी डालने का काम किया है. अब धवाला के शांत केवल शांता ही कर सकते हैं.
शांता कुमार ने की है मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से बात