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'ड्रैगन' के खिलाफ तिब्बतियों का धर्मशाला में प्रदर्शन, चीन के खिलाफ निकाली रैली

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Published : Mar 10, 2021, 9:46 PM IST

चीनी अधिकारियों की दमनकारी नीतियों का सामना करते हुए कई तिब्बती मौत के आगोश में समा चुके है उन सभी तिब्बतियों को आज धर्मशाला में याद किया गया. इस मौके पर तिब्बति संसद ने दलाईलामा के दीर्घायु होने की कामना की. तिब्बतियों ने खड़ा डंडा मार्ग से लेकर कचहरी चौंक तक चीन के खिलाफ रैली व तिब्बत की आजादी के लिए अपनी आवाज बुलंद की.

Tibetans rally against China in dharamshala
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धर्मशाला: चीनी अधिकारियों की दमनकारी नीतियों का सामना करते हुए कई तिब्बती मौत के आगोश में समा चुके हैं उन सभी तिब्बतियों को आज धर्मशाला में याद किया गया. इस मौके पर निर्वासित तिब्बती संसद ने बौद्ध गुरू दलाईलामा के दीर्घायु होने की कामना की. तिब्बतियों ने खड़ा डंडा मार्ग से लेकर कचहरी चौक तक चीन के खिलाफ रैली व तिब्बत की आजादी के लिए अपनी आवाज बुलंद की.

रैली में शामिल निर्वासित तिब्बितयों ने कहा कि चीन तिब्बत की कला संस्कृति व ऐतिहासिक धरोहरों के साथ साथ छेड़छाड़ करके उन्हें समाप्त कर देना चाहता है. तिब्बत में वहां के लोग नर्क जैसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं. तिब्बती की आजादी के लिए वीर तिब्बती महिला-पुरुष बलिदान दे रहे हैं उन सभी को तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह के दिन याद किया जाता है.

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वर्ष 2009 से अब तक 155 लोग कर चुके हैं आत्मदाह

निर्वासित तिब्बतियों ने कहा कि चीन के खिलाफ वर्ष 2009 से लेकर आज तक 155 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं. चीन सरकार के हिंसक दमन की नीति के अधीन अब भी कई तिब्बतियों का मार दिया जा रहा है. 19 नवंबर 2019 को बंधक बनाये गये ज-वोन-पो मठ के भिक्षु तेजिन ञिमा उर्फ तमे ला और 8 नवंबर 2013 को बंधक बनाये गए तिब्बत के लोगों को यातनाएं देकर मौत के घाट उतार दिया गया. चीन का अमानवीय व्यवहार पूरी दुनिया के सामने हैं. चीन सरकार ने निरंतर तिब्बत में धार्मिक स्वतंत्रता का अत्यधिक विनाश किया है. हिंसक दमनकारी नीतियों से तिब्बत की धर्म संस्कृति को नुकसान पहुंचाया है.

टाशि वाडछुंग ला को मिले बुनियादी मानवाधिकार

तिब्बत भाषा की रक्षा के लिए अभियान चलने वाले टाशि वाङछुग ला को चीन सरकार ने गलत तरीके से दंडित कर पांच वर्ष कारावास में भेजा था. 28 जनवरी 2021 को कारावास की समय सीमा पूरी करने के बाद रिहा किया गया है. परन्तु उनके छोड़ने के बाद भी यह जानना कठिन है कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति क्या है और क्या वह अपनी शैली के अनुसार काम करने के लिए स्वतंत्र है या नहीं. इसलिए हम चीन के सरकार से टाशि वाङछुग ला को बिना किसी पूर्व शर्त के उसके बुनियादी मानवाधिकारों का पूरी तरह से आनन्द लेने की अनुमति देने की मांग करना चाहते हैं. उनको कारावास के समय चीन सरकार के उत्पीड़न, यातना देने वाले संबंधित उन जिम्मेदार नेताओं का निष्पक्षता के साथ जांच आवश्यक करें.

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