कांगड़ा: बॉलीवुड स्टार ऋषि कपूर 67 साल की उम्र में गुरुवार को इस दुनिया को अलविदा कह गए. ऋषि कपूर का देवभूमि से भी गहरा नाता था. वो यहां अक्सर फिल्मों की शूटिंग के लिए आते थे. उनके पंच तत्व में विलीन होने की खबर जैसे ही हिमाचल में उनके फैंस को लगी तो वो स्तब्ध रह गए.
मायानगरी के चिंटू कांगड़ा और शिमला में फिल्मों की शूटिंग के लिए आ चुके हैं. साल 2008 में कांगड़ा के धरोहर गांव गरली, चंबापतन व परागपुर में लगातार 45 दिनों तक शूट हुई बॉलीवुड हिंदी फिल्म "चिंटू जी" की शूटिंग के लिए फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर ने गांववासियों के बीच समय बिताया था.
इस मूवी में बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर के साथ धरोहर गांव गरली व आस-पास के कई लोगों ने उनके साथ अभिनय किया था, जो स्थानीय लोगों के लिए एक यादगार बन गई. आज भी गांव की गलियां और निजी होटल लोगों को उनके चहेते अभिनेता की रह-रह कर याद दिलाते हैं.
साल 2009 के सितंबर में चिंटू जी फिल्म रिलीज हुई थी. वहीं, साल 2010 में फिल्म को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला था. कांगड़ा के गरली और परागपुर के लोगों को जैसे ही उनके चहेते स्टार के निधन की सूचना मिली तो यहां मातम का महौल छा गया. लोगों को ऐसा लगा जैसे की उनके परिवार का कोई सदस्य इस दुनिया को अलविदा कह गया हो.
गांव के लोगों ने बताया कि ऋषि कपूर नेक और दरियादिल इंसान थे. कड़क जुबान से हंसी मजाक करना उनकी फितरत थी. फिल्म की शूटिंग के दौरान ऋषि कपूर रोज सुबह 5 बजे उठकर गांव की गलियों में सैर सपाटा किया करते थे.
बॉलीवुड के जन्मदाता कपूर खानदान के चिराग ने गुरुवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. वो ल्यूकेमिया नामक बीमारी से पिछले 2 साल से लड़ रहे थे. बीते साल ही अमेरिका में इलाज करवा कर वो स्वदेश लौटे थे. वर्ष 1973 में फिल्म बॉबी के साथ बतौर अभिनेता करियर की शुरुआत करने वाले ऋषि कपूर ने दर्जनों बॉलीवुड फिल्मों में काम किया.