नूरपुर: हिमाचल में 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे आने हैं. मतगणना के दिन पता चल पाएगा कि हिमाचल में किस पार्टी की सरकार बनती है और किस विधानसभा सीट पर किस प्रत्याशी की जीत होती है. हालांकि सभी सियासी दल के नेता अभी से अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं, नूरपुर विधानसभा के चुनावों का परिणाम इस मर्तबा काफी दिलचस्प रहने वाला है. प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में नूरपुर छठी विधानसभा सीट है. इस बार भाजपा हाई कमान ने अपने फायर ब्रांड नेता राकेश पठानिया को नूरपुर से टिकट न देकर फतेहपुर विधानसभा में ट्रांसफर कर दिया है. वहीं, नूरपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके रणवीर सिंह निक्का को इस बार भाजपा पार्टी ने टिकट थमाया है. (Himachal Election Results 2022)
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत:साल 2017 के हुए विधानसभा के चुनावों में कांगड़ा जिले में 71.88 फीसदी मतदान हुआ था. इस साल कांगड़ा जिले में 71.91 फीसदी मतदान हुआ है. यानी इस साल पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले .03 फीसदी अधिक मतदान हुआ है. वहीं, अगर नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो साल 2017 में नीरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने 76.16 प्रतिशत मतदान किया था. इस बार यहां की जनता ने 75.67 प्रतिशत मतदान ही किया है. इसमें से 34,101 पुरुष व 35,526 महिला और एक थर्ड जेंडर ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. (Voting percentage in Nurpur Assembly Constituency)
नूरपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी: नूरपुर विधानसभा सीट पर कुल पांच उम्मीदवारों की किस्मत इस बार दांव पर है. इनमें से कांग्रेस से अजय महाजन, भाजपा से रणबीर सिंह, बसपा से साली राम, आम आदमी पार्टी से मनीषा कुमारी और निदर्लीय प्रत्याशी के रूप में सुभाष सिंह धडवाल चुनावी मैदान में हैं. (Nurpur Assembly Constituency ground report)
रणवीर निक्का की भी नूरपुर विधानसभा से शिमला तक की राह आसान नहीं मानी जा रही है, क्योंकि इनकी राह में रोड़ा अटकाने के लिए कांग्रेस के सिपाही अजय महाजन भी मैदान में हैं. इस विधानसभा में सीधी जंग भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच मे ही देखने को मिल रहा है. वर्ष 2017 में भाजपा के उम्मीदवार राकेश पठानिया ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अजय महाजन को 6642 के वोटों के मार्जन से हराया था. (Ajay Mahajan vs Ranbir Singh Nikka in Nurpur)
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी रणवीर सिंह निक्का: भाजपा ने इस मर्तबा पार्टी की जीत की जिम्मेदारी रणवीर सिंह निक्का के कंधों पर डाली है. रणवीर सिंह निक्का पहले भी इस विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता का साथ उन्हें नहीं मिल सका. ऐसे में पिछले चुनाव में उन्हें हर का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन इस मर्तबा भाजपा हाई कमान ने अपने फायर ब्रांड नेता राकेश पठानिया को इस सीट से दरकिनार करते हुए रणवीर को टिकट थमाया है. अब देखना रोचक रहेगा कि पहले भी नूरपुर की जनता ने निक्का का साथ नहीं दिया था, क्या इस बार क्षेत्र की जनता का साथ रणवीर सिंह निक्का को मिलता है या नहीं. (BJP Candidate from Nurpur Assembly seat )
कौन हैं कांग्रेस प्रत्याशी अजय महाजन: बात अगर कांग्रेस के उम्मीदवार अजय महाजन की करें तो एक लंबे अरसे से कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. बेशक अजय महाजन को वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन उन्होंने कभी कांग्रेस पार्टी से बगावत नहीं की और पार्टी के दिशा निर्देशों के अनुसार अपना काम करते रहे. इस बार एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी ने अजय महाजन के कंधों पर जीत की जिम्मेदारी डाली है. अब देखना होगा कि अजय महाजन इस जिम्मेदारी को कितनी बखूबी से निभाते हैं. (Congress Candidate from Nurpur Assembly seat)
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे: नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा फोरलेन प्रभावितों का ही रहा है. पठानकोट से मंडी तक बनने वाले इस फोरलेन की जद में नूरपुर के कई दुकानदार अपनी दूकानदारी से हाथ धोने की कगार पर पहुंच गए हैं. स्थानीय दुकानदारों के समस्या को कई बार प्रदेश सरकार के सामने भी रखा, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका. हालांकि चुनाव आते आते यह जरूर सुनने को मिल रहा है कि एनएचआई ने नूरपुर के बोड़ से खुशीनगर तक बाई पास निकलने की कवायद शुरू कर दी है. इससे फोरलेन की जद में आने वाले स्थानीय दुकानदारों को जरूर कहीं न कहीं राहत मिलेगी. (Nurpur Assembly Constituency Issues)
इस बार के विधानसभा चुनावों में यह माना जा रहा है कि इस क्षेत्र की जनता ने नूरपुर के मुद्दों को दरकिनार कर उम्मीदवार के चेहरे को देख कर अपना मतदान किया है. वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान जयराम ठाकुर ने खुद नूरपुर पहुंच कर रणवीर सिंह निक्का के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपली थी. वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार अजय महाजन को अपना चुनाव प्रचार खुद ही करना पड़ा था. (Himachal Pradesh elections Exit Polls)
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