ज्वालामुखी/कांगड़ा: 2017 में बीजेपी प्रत्याशी रमेश चंद धवाला ने ज्वालामुखी सीट से जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के सीटिंग विधायक संजय रत्न को 6464 वोटों के अंतराल से शिकस्त देकर बीजेपी ने सीट पर कब्जा जमाया था. वहीं इस बार भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक ध्वाला को देहरा सीट से मैदान में उतारा और ज्वालामुखी से भाजपा ने पूर्व मंत्री रविन्द्र सिंह रवि को मौका दिया है. इस सीट पर कांटे की टक्कर है. (BJP Candidate Ravinder Singh Ravi) (Congress candidate Sanjay Ratna
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ज्वालामुखी में मतदान का प्रतिशत:इस बार ज्वालामुखी सीट पर 74.07 प्रतिशत मतदान हुआ है. वहीं 2017 में 73.16 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. इस बार कांगड़ा जिले में कुल 71.91 प्रतिशत मतदान हुआ है. ज्वालामुखी सीट की बात करें तो मतदान के प्रतिशत में बहुत ही मामूली 0.91 फीसदी का इजाफा देखने को मिला.
मैदान में कुल 6 प्रत्याशी:ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र से कुल 6 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 8 दिसंबर को होगा. इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संजय रतन, बीजेपी से रवींद्र सिंह रवि, आम आदमी पार्टी से होशियार सिंह चुनावी मैदान में हैं तो वहीं आजाद प्रत्याशी के तौर पर सुनील कुमार और अतुल कौशल के भी किस्मत का फैसला होना है. वहीं बीएसपी से सुशील कुमार भी 8 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और आप पार्टी के बीच माना जा रहा है.
ज्वालामुखी सीट पर मतदाता:कुल मतदाताओं की बात करें तो इनकी संख्या 78661 है. इसमें पुरूष मतदाता 39355 हैं तो महिला मतदाताओं की संख्या 39306 है. इसके अलावा 1480 सर्विस वोटर व अन्य भी हैं. इससे यहां पर कुल वोटरों की संख्या इस बार 80141 है. हिमाचल प्रदेश में कुल वोटर 5507239 हैं जिनमें पुरूष मतदाता 2780192 और महिला मतदाता 2727010 हैं. प्रदेश में 37 मतदाता थर्ड जेंडर वाले भी हैं.
2017 में बीजेपी ने जीती थी ज्वालामुखी:साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रमेश चंद ध्वाला ने 27,914 यानी 51.98% मत प्राप्त किए थे, जबकि कांग्रेस संजय रत्न को दूसरे स्थान पर रहते हुए 21,450 यानी 39.94 फीसदी वोट मिले थे. दोनों के बीच जीत हार का अंतर मात्र 6464 वोटों का रहा था. अहम बात यह है कि कांग्रेस के संजय रत्न 2012 के विधायक रहते चुनाव में उतरे थे, लेकिन 2017 के चुनाव में उनको भाजपा से करारी मात मिली.