धर्मशाला:धर्मशाला स्तिथ मैक्लोडगंज के चोंक पर रविवार को पीपल रिपब्लिक ऑफ चाइना की 74वीं स्थापना वर्षगांठ पर तिब्बतियों की तीन एनजीओ ने मिलकर चीन के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में तिब्बतियों ने कहा कि वह पूर्वी तुर्किस्तान, हांगकांग, दक्षिणी मंगोलिया और ताइवान का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता से खड़े हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे तिब्बतियों ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट शासन पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की अपनी 74वीं स्थापना वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है. यह तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान, दक्षिणी मंगोलिया, हांगकांग और ताइवान जैसे कब्जे वाले देशों के लिए बड़ा दुख का दिन है. उन्होंने कहा कि यह दिन वैश्विक कारवाई दिवस को समर्पित है, जिसका उद्देश्य चीनी सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के उल्लंघनों को उजागर करना है.
विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही तेनजिंग पासंग ने कहा कि शी जिनपिंग की तानाशाही के तहत सभी तिब्बती गंभीर अपराधों के गवाह बने हैं, जिनमें उइघुर एकाग्रता शिविरों का अस्तित्व, हांगकांग की स्वायत्तता का क्षरण, औपनिवेशिक शैली के बोर्डिंग स्कूल सिस्टम की स्थापना और तिब्बत में डीएनए का अनिवार्य संग्रह शामिल है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ताइवान के खिलाफ ज़बरदस्त राजनीतिक आक्रामकता और धमकी दी गई है, साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्वतंत्रता पर भी कई उल्लंघन हुए हैं. उन्होंने कहा की चीनी अधिकारियों ने तिब्बती लोगों पर लंबे समय से दमनकारी शासन लागू कर रखा है. हाल की रिपोर्टों से तिब्बत में बढ़ती घुसपैठ नीतियों का पता चला है जिसमें राज्य निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तिब्बती डीएनए का बलपूर्वक संग्रह भी शामिल है.