धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला व प्रदेश में सत्ता का रास्ता तय करने वाले कांगड़ा और चंबा की सियासी शतरंज पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शहरी निकाय व पंचायतीराज चुनावों से ठीक पहले बिसात बिछा दी है. भविष्य की संभावनाओं को तलाशने का भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा प्रवास में बड़ा काम किया है.
CM के साथ कार्यकर्ताओं की बैठकों का दौर जारी
मौजूदा चुनावी समर के बीच दो दिनों तक धर्मशाला में डेरा डाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद चुनावी कमान अपने हाथ में संभाले रखी. जिस वजह से एकाएक धर्मशाला की ठंडी वादियों में राजनीतिक गर्माहट पैदा हो गई. कांगड़ा और चंबा के वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले नेताओं के अलावा प्रदेश और जिला के पार्टी पदाधिकारियों को बैठक के बहाने बुलाकर उनके साथ अलग-अलग छोटी बैठके कर निचले हिमाचल की सियासी ताप बढ़ा दिया.
2 दिनों तक धर्मशाला में हैं CM जयराम
भाजपा निकाय और पंचायती राज चुनाव को वर्ष 2022 का सेमीफाइनल मानकर मैदान में उतरी है. यही वजह है कि सीएम स्वयं सत्ता के प्रमुख केंद्र में बैठकर फीडबैक ले रहे हैं. इतना ही नहीं कमजोर कड़ियों को साधने और आने वाले समय में भाजपा की स्थिति को और अधिक मजबूत करने की योजना पर काम कर रहे हैं. बर्ड फ्लू और कोरोना के खतरे के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो दिनों तक धर्मशाला में डेरा जमाए रखा.
बर्ड फ्लू व कोरोना पर फीड बैक लेने धर्मशाला पहुंचे थे CM
यूं तो मुख्यमंत्री का यह दौरा सरकारी था और मुख्यमंत्री को बर्ड फ्लू व कोरोना को लेकर फीड बैक लेनी थी. सीएम जयराम ने धर्मशाला पहुंचते ही सबसे पहले कोरोना और बर्ड फ्लू पर अपडेट लिया और इसके तुरंत बाद निचले हिमाचल के भाजपा नेताओं, विधायकों व मंत्रियों के साथ मैराथन बैठकों का दौर शुरू कर दिया. दो दिनों तक मुख्यमंत्री ने पार्टी के कुछ नेताओं से अलग-अलग बैठकर कर सारे हालात का रिव्यू किया.
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा व चंबा संसदीय क्षेत्र के तमाम नेताओं के अलावा पार्टी की हालात पर भी फीडबैक ली. नगर निकाय के 10 जनवरी को होने वाले चुनावों से पूर्व सीएम ने 2 दिनों तक पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ लंबी बैठकें कर चुनावी बिसात बिछाई. साथ ही कांगड़ा की सबसे बड़ी जिला परिषद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भाजपा का बने इसके लिए भी 40 प्लस का लक्ष्य निर्धारित किया गया.
सही फीडबैक न मिलने पर धर्मशाला पहुंचे CM
मुख्यमंत्री जयराम ने कांगड़ा के महत्व को देखते हुए यहां होने वाली हर छोटी बड़ी गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए यहां पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि दोनों जिलों से अच्छी रिपोर्ट न मिलने के कारण सीएम से हालात पर काबू पाने के लिए कांगड़ा प्रवास पर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री अपने प्रवास के दूसरे दिन भी अधिकारियों व छोटे कार्यकर्ताओं से विभिन्न मसलों पर बातचीत करते रहे.
पढ़ें:बीड़ बिलिंग से सोलो उड़ान भरने के बाद पायलट लापता, रेस्क्यू में जुटी टीम