ज्वालामुखी: जिला कांगड़ा में ज्वालामुखी के तहत आने वाली पंचायत जमुली में महिलाओं द्वारा शराब के ठेके में तोड़फोड़ कर उसे बंद करवाने के मामले में अब ठेकेदार ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है. ठेकेदारों का कहना है कि जमुली में ठेका सभी नियमों और ओपचारिकताओं को पूरा कर खोला गया था.
ठेकेदार प्रताप और प्रवीण का कहना है कि ठेके के विरोध के बाद जब ठेके को बंद किया गया तो एक्साइज विभाग के एक इंस्पेक्टर ने बिना सूचित किए ठेके के अंदर रखा हुआ सारा माल अपने साथ ले लिया, जिसे आज तक वापिस नहीं किया गया.
ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि ठेके में से सामान के उठाया गया तो उस वक्त वे लोग वहां मौजूद होने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब ठेकेदार ने गांव में ठेका खोलने को लेकर हुए विरोध और हंगामे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
ठेकेदार ने ये भी आरोप लगाए कि अपना सामान लाने के लिए उसने कई बार एक्साइज विभाग के चक्कर भी लगाए, लेकिन सामान उनके हवाले नहीं किया गया. ठेकेदार ने सवाल उठाते हुए कहा कि हंगामे वाले दिन ठेके में हजारों रुपये की तोड़फोड़ हुई है.
ठेकेदार ने कहा कि जब ठेका पूरे कानून पूरी ओपचारिकताओं को ध्यान में रखकर खोला गया था तो अब उस नुकासन का जिम्मेदार कौन होगा. ठेकेदार ने हाईकोर्ट से इस पूरे मामले को लेकर न्याय की मांग की है.
क्या है मामला?
आपको बता दें कि जमुली में 14 जून को ठेका खुला था, जिसका लोगों द्वारा विरोध किया गया था. उसके बाद 15 जून को ठेके में कुछ गांव की महिलाओं द्वारा कानून को अपने हाथों में लेते हुए ठेके पर ताले लगा दिए गए थे.