हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में आम के शौकीनों को मिलेगा नया स्वाद, बागवानी विभाग ने तैयार की आम की 6 नई किस्में

हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग ने इस बार जिला कांगड़ा में 1293 करोड़ रुपए से फल संतति एवं प्रदर्शन केंद्र जाच्छ में आम की 6 नई किस्मों के साथ 605 पौधों का बगीचा तैयार किया है. बागवानी विभाग ने इस बार प्रदेश में बागवानों को 30 हजार फलदार पौधे वितरित करने का लक्ष्य रखा है.

6 new varieties of mango prepared in PCDO center of Kangra
कांगड़ा के पीसीडीओ सेंटर में तैयार हुई आम की 6 नई किस्में

By

Published : Apr 28, 2023, 8:16 PM IST

Updated : Apr 29, 2023, 6:04 AM IST

कांगड़ा के पीसीडीओ सेंटर में तैयार हुई आम की 6 नई किस्में

धर्मशाला: जिला कांगड़ा में हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग ने 1293 करोड़ रुपए से विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना (HPHDP) के तहत आम की 6 नई किस्मों के पौधों के साथ विभिन्न पौधों का बाग तैयार किया है. फल संतति एवं प्रदर्शन केंद्र जाच्छ (Nurpur) में लगभग 13 कनाल क्षेत्र में आम की 6 नई किस्मों के साथ 605 पौधों का बगीचा बना कर तैयार किया है. जिसमें पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठा, मल्लिका और चौंसा किस्में शामिल हैं, जिन्हें नूरपुर में तैयार किया गया है.

भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली से इन पौधों की कलमें बागवानी विभाग ने ली हैं. इसके उपरांत नूरपुर में पीसीडीओ केंद्र जाच्छ में इन कलमों से पौधे तैयार किए. रेज्ड बेड प्रणाली से इन पौधों को तैयार किया गया. इनकी सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम यूज किया गया है. दूसरे साल से ही इन पौधों पर फल लगना शुरू हो गए हैं, लेकिन इन्हें तोड़ दिया गया है ताकि अभी पौधों का और विकास हो सके. परागण प्रक्रिया के लिए मधुमक्खियों के रहने के लिए प्राकृतिक मड हाउस बनाए गए हैं.

बागवानी विभाग ने प्रदेश में अब तक इन किस्मों के 2500 पौधे तैयार कर लिए हैं. इन पौधों को विभाग बागवानों को उपलब्ध करवा रहा है. इसके अलावा इस साल विभाग ने आम, लीची, किन्नू, गलगल, पपीता तथा कटहल समेत विभिन्न फलों के 30 हजार पौधे तैयार किए हैं जो कि बागवानों में वितरित करने का लक्ष्य रखा है. जिससे बागवान आधुनिक तकनीक के जरिए आम के साथ और भी फलों की खेती कर सकेंगे. लोगों को इस दौरान रोजगार भी मिले इसके लिए केंद्र में मनरेगा के तहत काम कर रहे लोगों को नर्सरी के काम में लगाया जाता है. इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है और लोगों को बागवानी के बारे में भी काफी जानकारी मिल रही है.

आम की पुरानी खेती में हर पौधे की दूरी लगभग 10 मीटर रखनी पड़ती थी, जिससे ज्यादा भूमि इस्तेमाल करनी पड़ती थी. जहां एक कनाल भूमि पर सिर्फ चार पौधे ही लगा पाते थे. वहीं, नई किस्म के तैयार होने से अब पौधे से पौधे की दूरी 3 मीटर के करीब रखी जाती है और एक कनाल भूमि पर 44 पौधे लगाए जा सकते हैं. यानी अब किसान थोड़ी सी जमीन पर ही ज्यादा पैदावार का उत्पादन कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. हिमाचल में बागवानों की दशहरी, लंगड़ा, चौंसा तथा संदूरी आम की फसल अन्य आम उत्पादक राज्यों की फसल के साथ पीक सीजन में बाजार में उतरती है. यह आम अधिकतर हरे व पीले रंग के ही होते हैं जिस कारण बागवानों को प्रतिस्पर्धा के कारण उनकी फसल का सही दाम मिलता ही नहीं है.

वहीं, अब ये हाइब्रिड आम सितंबर माह में तैयार होगा जोकि सिंदूरी और लाल रंग का होगा. जिससे हिमाचल के किसान-बागवान सामान्य बागवानी से हट कर उतनी ही जगह में 3 से 4 गुणा ज्यादा आम की पैदावार का उत्पादन कर सकते हैं. तीन साल के बाद आम के ये पौधे पूरी तरह तैयार हो जाएंगे. आम के इन पौधों की लंबाई केवल 7 से 8 फीट तक ही होगी. जिससे किसानों को फल तोड़ने में भी आसानी होगी इसके साथ ही आम के शौकीनों को नया स्वाद मिलेगा.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि वर्ष 2021 में विभाग ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा(नई दिल्ली) से आम की इन किस्मों की कलमें लाकर पीसीडीओ केंद्र, जाच्छ में बगीचा लगाकर पौधों की नई किस्में तैयार की हैं. इसके अतिरिक्त विभाग ने इस केंद्र में लीची, किन्नू, गलगल, पपीता तथा कटहल के पौधे तैयार किये हैं. जिनके पौधे भी सीजन पर किसानों को उपलब्ध करवाये जाएंगे. बागवानी विभाग किसानों को आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से बागवानी करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कोर्स भी आयोजित करवाता है. इसके अतिरिक्त उन्हें प्रशिक्षण टूर पर भी भेजता है. डॉ. कमलशील नेगी का कहना है कि प्रदेश के बागवान इस प्रदर्शन केंद्र का जरूर भ्रमण करें ताकि वे आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से बागवानी करने के गुर सीख सकें.

ये भी पढे़ं:हमीरपुर में बागवानी विभाग तैयार कर रहा हजारों फलदार पौधे, प्रदेशभर में हो रही सप्लाई, 30 हजार पौधे बांटने का लक्ष्य

Last Updated : Apr 29, 2023, 6:04 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details