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किसानों पर कोरोना और मौसम की दोहरी मार, बैमोसमी बारिश से खराब हो रही गेहूं की फसल

प्रदेश में हो रही बोमौसमी बारिश ने कोरोना की मार झेल रहे किसानों की और बढ़ा दी है. कई जिलों में हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

crop destroying due to non seasonal rain
गेहूं की फसल.

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Published : Apr 20, 2020, 1:19 PM IST

सुजानपुर/हमीरपुर: प्रदेश के किसान कोरोना की मार के साथ-साथ मौसम की बेवफाई से परेशान है. प्रदेश के कई जिलों में हुई बोमौसमी बारिश ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है. इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल पक चुकी है और कटाई का समय भी आ चुका है. ऐसे में बारिश होने से गेंहू की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

किसान गेंहू की कटाई के लिए तैयार थे, लेकिन अचानक हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों को कटाई के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. गौर हो कि इस बार अप्रैल महीने तक मौसम ठंडा रहने के चलते प्रदेश के बागवानों को भी निराशा हाथ लगी है. उचित गर्म मौसम न होने से सेब के बगीचों में फ्लॉवरिंग पर इसका असर पड़ा है, जिसका परिणाम साल के सेब सीजन में देखने को मिलेगा.

गेहूं की फसल.

वहीं, मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में 21 अप्रैल तक बारिश की संभावना जताई गई है. बारिश और ओलावृष्टि के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. कोरोना के चलते पहले ही किसानों को मंडियों में सब्जियां और अन्य फसलें पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और मजबूरी में किसान पशुओं को सब्जियां खिला रहे हैं. ऐसे में मौसम के मिजाज ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है.

सुजानपुर के स्थानीय किसानों का कहना है कि बेमौसमी बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच रहा है. बारिश के चलते गेहूं की कटाई भी नहीं हो पा रही है. एक तरफ कोरोना ने कमर तोड़ रखी है और अब मौसम की बेरुखी के चलते परिवार की गुजर-बसर करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

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