हमीरपुर: जिला की अणु पंचायत के घनाल वॉर्ड में सर्व सहमति से चुने गए वॉर्ड पंच का नाम वोटर लिस्ट में न होने से नामांकन पत्र दायर नहीं हो पाया.
सर्व सहमति से जिन पंचायतों में प्रतिनिधियों का चुनाव हो रहा है वहां पर नामांकन करना जरूरी रखा गया है. यदि किसी पंचायत से जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुना जाता है तब भी नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण करना जरूरी है. नामांकन प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए प्रत्याशी का नाम वोटर लिस्ट में होना जरूरी है.
इस बड़ी लापरवाही के कारण सर्व सहमति से चुने गए जनप्रतिनिधियों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. प्रत्याशी सुनील का कहना है कि वह अणु पंचायत के घनाल वॉर्ड सर्व सहमति से चुने गए हैं, लेकिन जब वह नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए पंचायत में पहुंचे तो कहा गया कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है इसलिए वह नामांकन पत्र नहीं बन सकते हैं.
डीसी हमीरपुर के पास भी इस विषय को लेकर गए थे, लेकिन उन्हें कभी डीपीओ कार्यालय भेजा जा रहा है तो कभी खंड विकास अधिकारी के पास लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. प्रत्याशी सुनील तो एक उदाहरण थे उनके अलावा कई ऐसे प्रत्याशी जिला में हैं, जिनका नाम वोटर लिस्ट में ना होने से वह चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं.
ये प्रत्याशी अब डीसी कार्यालय और एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है. हमीरपुर में भी कई ऐसे प्रत्याशी डीसी कार्यालय पहुंचे थे. खंड विकास अधिकारी हमीरपुर अस्मिता ठाकुर ने कहा कि इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ प्रत्याशियों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं है और वह चुनाव की तैयारी में पहले से जुड़े हैं इस तरह की लापरवाही से वह चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं.
एक पंचायत में तो वॉर्ड सदस्य को निर्विरोध चुना गया था, लेकिन नामांकन के वक्त उनका नाम वोटर लिस्ट में नाम होने की वजह से वह नामांकन नहीं भर सके हैं. चुनावी बेला में प्रत्याशियों पर यह लापरवाही भारी पड़ रही है. हमीरपुर जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.
हालांकि प्रशासन की तरफ से समय-समय पर मतदाता सूचियों के निरीक्षण को लेकर लोगों से अपील की जाती है, लेकिन धरातल पर इस कार्य को पूरा करवाना हर बार की चुनौतीपूर्ण साबित होता है, जिसके कारण इस तरह की दिक्कतें पेश आती हैं.