हमीरपुर: एक साथ दशकों के राजनीतिक करियर में पिता-पुत्र की जोड़ी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. प्रदेश की राजनीति में बुलंदियों को छूने के बाद एक ऐसा भी दौरा आया कि पिता प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव तक हार गए. दोनों पिता-पुत्र के लिए यह किसी राजनीतिक आघात से कम नहीं था, लेकिन धैर्य और राजनीतिक सूझबूझ और एक दूसरे में विश्वास से आज फिर देश की राजनीति में वह नई बुलंदियों पर है. पिता प्रेम कुमार धूमल के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद हमीरपुर संसदीय सीट से उपचुनाव जीतने के बाद शुरू हुआ अनुराग ठाकुर का सियासी सफर आज बुलंदियों पर है.
क्रिकेट से राजनीति में आए हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद अनुराग ठाकुर दुनिया की सबसे अमीर और ताकतवर क्रिकेट संस्था बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे हैं. कई मंचों से और सार्वजनिक रूप से भी अनुराग ठाकुर यह कह चुके हैं कि वह तो क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें नेता बना दिया. वह दयानंद माडल स्कूल जालंधर में पढ़ाई के दौरान अनुराग पंजाब क्रिकेट टीम अंडर-15 और बाद में अंडर-19 के खिलाड़ी रहे हैं. बच्चों पर अनुराग बरसाने वाले पिता प्रेम कुमार धूमल सख्त भी है कई बार अनुराग ठाकुर सार्वजनिक रूप से भी है यह कह चुके हैं कि जब वह क्रिकेट खेलने साइकिल पर जाया करते थे तो कई बार दिल करता था कि मोटरसाइकिल लेनी है लेकिन पिता के सामने नहीं बोल पाते थे. उस दौर को याद करते हुए आज भी वह कहते हैं कि बच्चों में माता पिता के प्रति आदर का भाव आपको मेहनत कश भी बना देता है.