विधायक ने भरमौर में सड़क में तारकोल डालने के कार्य पर उठाए सवाल. भरमौर:जिला चंबा के जनजातीय विधानसभा क्षेत्र भरमौर में केंद्रीय बजट के जरिए सड़क के चल रहे कार्य की गुणवत्ता की पोल विधायक डॉ. जनक राज ने खोल कर रख दी है. साथ ही विभाग की व्यवस्था को भी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. सड़क पर तारकोल बिछाने के चल रहे कार्य की निगरानी के लिए मौके पर कोई अधिकारी तैनात नहीं था. विधायक की मानें तो गुणवत्ताहीन कार्य को लेकर जब संबंधित विभाग के मंत्री के मोबाइल पर तुरंत फोन किया, तो उन्होंने इसे उठाना भी गवारा नहीं समझा. लिहाजा विधायक ने पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर भी कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जब वह एक चुने हुए प्रतिनिधि का ही फोन नहीं उठाते, तो जनता को क्या जवाब देंगे. बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम का विधायक ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लाइव भी किया है.
सड़क पर चल रहे काम की विधायक ने खोली पोल: दरअसल रविवार को पांगी भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. जनक राज ग्राम पंचायत तुंदा के दौरे पर थे. इस दौरान यहां नाबार्ड और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चल रहे सड़क के कार्य की गुणवत्ता को देख कर वह हक्के-बक्के रह गए. चूंकि सड़क पर तारकोल बिछाने के लिए सामग्री छह घंटे के लंबे सफर के बाद यहां तक पहुंचा रहे थे. लिहाजा विधायक ने निर्माण सामग्री लेकर आए दो टिप्परों पर चढ़कर इसकी गुणवत्ता को भी सबके सामने रख दिया.
विधायक ने सोशल मीडिया पर शेयर किया सड़क की बदहाली.
पीडब्ल्यूडी मंत्री पर उठाए सवाल: विधायक डॉ. जनक राज ने बताया कि जब उन्होंने मौके पर ब्लैक टॉपिंग के लिए लाई सामग्री को ट्रक पर चढ़कर देखा, तो वह ठंडी हो चुकी थी. जिस पर तुरंत लोक निर्माण विभाग के मंत्री को मोबाइल पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने कॉल तक अटेंड नहीं की. डॉ. जनक राज ने पीडब्ल्यूडी मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि यूं तो वह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और बहुत टीका टिप्पणी करते रहते हैं, लेकिन जब वह एक चुने हुए प्रतिनिधि की कॉल ही जवाब नहीं दे रहे, तो जनता का क्या देंगे. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर सारे विडियो शेयर किए हैं.
हाथों से उखड़ रही है तारकोल: बता दें कि सोशल मीडिया पर शेयर की वीडियो में सड़क पर डाली तारकोल हाथों से ही उखड़ जा रही है. लिहाजा इस कार्य की गुणवत्ता क्या है, इसका अंदाजा खुद-ब-खुद लगाया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से ऐसी ही मिलती जुलती कई तस्वीरें और विडियो पिछले दिनों सामने आई हैं. जहां तारकोल डालने का काम केवल दिखावे के लिए किया गया है. असल में इसकी गुणवत्ता बिल्कुल भी नहीं है.
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