शिमला: विधानसभा चुनाव में शिमला शहर से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर पार्टी से निष्कासित हुए हरीश जनारथा की कांग्रेस में वापसी हो गई है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को प्रदेश कांग्रेस ने उनकी बहाली कर दी है.
जनारथा की वापसी से शिमला शहर में कांग्रेस को काफी फायदा हो सकता है. जनारथा का शिमला शहरी विधानसभा में काफी जनाधार है. विधानसभा चुनाव में भी उन्हें काफी मत मिले थे. लेकिन पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. उनकी पार्टी में वापसी को लेकर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह भी वकालत कर चुके हैं.
जनारथा के समर्थक विधायक विक्रमादित्य सिंह के साथ कांग्रेस अध्यक्ष से भी मिले थे और जल्द हरीश जनारथा की पार्टी में वापसी की मांग की थी. हालांकि कांग्रेस ने कई नेताओं को पहले ही पार्टी में वापस ले लिया था लेकिन जनारथा और हरदीप बाबा की वापसी नहीं हो पाई थी. वहीं, हरीश जनारथा की वापसी तो हुई है लेकिन हरदीप बाबा को अभी तक पार्टी में वापस नहीं लिया गया है.
रजनीश किमटा, कांग्रेस महासचिव, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि हरीश जनारथा की कांग्रेस में वापसी हो गई है. वे विधानसभा चुनाव में शिमला शहर से आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़े थे. जिसके बाद उन्हें निष्कासित किया गया था. पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर ने कांग्रेस आलाकमान को उनकी वापसी को लेकर मामला भेजा था. जिसके बाद आज उनका निष्कासन रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा की हरीश जनारथा की वापसी से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा मिलेगा.