शिमला: देश के पर्वतीय राज्यों में किस तरह से पर्यटन, ऊर्जा, शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की जाए, इस पर देश भर के विशेषज्ञ शिमला में दो दिन तक मंथन करेंगे.
नितिन व्यास, संयोजक, शिमला कॉन्क्लेव शिमला में सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस की ओर से आयोजित की जा रही शिमला कॉनक्लेव में सभी विशेषज्ञ जुटेंगे जिसमें पर्वतीय राज्यों की स्थिति को सुदृढ़ करने को लेकर चर्चा होगी. कॉनक्लेव का विषय 'हिली स्टेट्स टुडे एंड टुमॉरो' है जिसपर 2 और 3 मार्च को शिमला पीटरहॉफ में आयोजित होगी.
कॉनक्लेव में जिन मुद्दों पर चर्चा होगी उसमें ह्यूमन डेवलपमेंट, इकोलॉजी एंड सस्टेनिबिलिटी, एजुकेशन एंड हेल्थ इन हिली स्टेट्स: दी जर्नी सो फार, टेक्नोलॉजी एंड हेल्थ इन हिमालय: स्कोप एंड अपॉर्चुनिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर: एक्सप्लोरिंग ऑल्टरनेटिव, दी इम्पोर्टेंस ऑफ कल्चर एंड हिस्ट्री इन हिमालय और टूरिज्म: एक्सपोजिंग दी लेस एक्सप्रेस शामिल हैं.
कॉन्क्लेव का उद्देश्य पर्वतीय राज्यों के लिए एक ऐसा विकासात्मक मॉडल तैयार करना है जो कि नए भारत में शामिल हो सके. इस मॉडल को तैयार करने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, पॉलिटिकल साइंटिस्ट, काउंसिल ऑफ मिनिस्टर, पॉलिसी मेकर्स अहम भूमिका निभाएंगे.
इस आयोजन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे. कॉनक्लेव में पर्वतीय राज्यों के लिए 150 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे.