बिलासपुर:देवभूमि हिमाचल प्रदेश में पांच शक्तिपीठ हैं. मां चामुंडा देवी, मां चिंतपूर्णी देवी, मां बज्रेश्वरी देवी, मां नैना देवी व मां ज्वालाजी. इन शक्तिपीठों में हर साल सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में इन मंदिरों की होने वाली आय भी काफी ज्यादा है. बता दें कि देवभूमि के मंदिर अरबों रुपए की संपत्ति के मालिक हैं.
ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत की टीम जिला बिलासपुर पहुंची. जहां हमने मंदिर न्यास अधिकारी और दुकानदारों से बात की. बता दें कि बिलासपुर में स्थित शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर का सालाना बजट करोड़ों रूपयों का है.
वार्षिक बजट इस साल 29 करोड़ रूपये
विश्व विख्यात शक्तिपीठ मां नैना देवी का 2021-22 का वार्षिक बजट इस साल 29 करोड़ रूपये है. यह 29 करोड़ मंदिर न्यास की ओर से करवाए जा रहे विकासात्मक कार्य सहित मंदिर न्यास की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर खर्च किया जाएगा.
नैना देवी क्षेत्र में लगभग 15 से 20 दुकानें हैं
वहीं, मंदिर न्यास की नैना देवी क्षेत्र में लगभग 15 से 20 दुकानें हैं. सालाना 50 लाख रूपये किराया मंदिर प्रशासन को आता है. इन पैसों को मंदिर न्यास द्वारा सिर्फ मंदिर के विकासात्मक कार्यों पर खर्च किया जाता है.
जानकारी के अनुसार यहां पर दुकानों से एक से डेढ़ लाख रूपये प्रतिमाह किराया वसूला जाता है. वहीं, इन पैसों से मंदिर न्यास में रखे गए कर्मचारियों का वेतन भी निकाला जाता है. मंदिर न्यास श्री नैना देवी को दुकानों और ठेकों से प्रतिवर्ष 50 लाख रुपए की आमदनी प्राप्त होती है. जिसमें लगभग 25 लाख रूपए दुकानों के किराए से और 25 लाख रुपए अन्य ठेकों से प्राप्त होती है.
मंदिर न्यास श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु खर्च करता है
हालांकि मंदिर न्यास को जितना भी पैसा चढ़ावे रूप में या अन्य स्रोतों से प्राप्त होता है वो मंदिर न्यास श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु खर्च करता है. इस तीर्थ स्थल के विकास कार्यों पर और श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु बंदोबस्त करने के लिए पैसे का उपयोग किया जाता है.
मंदिर न्यास अधिकारी हुसन चंद ने बताया कि मंदिर न्यास को दुकानों एवं अन्य ठेकों से लगभग 50 लाख की आमदनी प्राप्त होती है. यह सारा पैसा मंदिर में विकास कार्यों पर खर्च किया जाता है. गौरतलब है कि मंदिर न्यास के नजदीक अधिकतर दुकानें मंदिर प्रशासन की होती हैं. ऐसे में मंदिर प्रशासन यह दुकानें किराये पर देता है. जहां दुकानदार मंदिर प्रसाद व अन्य सामानों को यहां पर बेचते हैं.
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