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कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन सड़क निर्माण पर रामलाल ठाकुर ने उठाए सवाल, सीबीआई जांच की मांग

विधायक रामलाल ठाकुर ने शब्दों का प्रहार करते हुए कहा कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस सड़क में वित्तीय धांधली होने की बात कही है और इसकी सीबीआई जांच करवाने की मांग की है.

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Published : Jun 15, 2020, 7:36 PM IST

Former minister Ramlal Thakur
रामलाल ठाकुर

बिलासपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामलाल ठाकुर ने शब्दों का प्रहार करते हुए कहा कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस सड़क में वित्तीय धांधली होने की बात कही है और इसकी सीबीआई जांच करवाने की मांग की है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि इस फोरलेन रोड को बनाने वाली कंपनी ने अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया, लेकिन अभी भी करीब 120 करोड़ के लगभग ठेकेदारों व अन्य कामगारों को तनख्वाहें व दिहाड़ी देनी हैं. इस कंपनी ने बीटेक योग्यता वाले बेरोजगार बच्चों को 10 हजार मासिक वेतन भी नहीं दिया, जबकि फोरलेन बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर वित्तिय अनियमिताओं व घूसखोरी करके चंडीगढ़ जैसी बड़ी सिटी में प्राइम लोकेशन पर कोठियां खरीदी है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि एनएचएआई की ओर से अपने तौर पर काम का मूल्यांकन व गुणवत्ता की देख रेख के लिए अधिकृत कंसल्टेंसी कंपनी के अधिकारियों ने भी मोटी घूसखोरी की है. उनकी संपतियों की भी जांच की जानी चाहिए. रामलाल ठाकुर ने कहा कि प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत और पूरे होने तक कि लागत में दोगुनी राशि का फर्क है. इससे साफ जाहिर होता है कि बहुत बड़ी वित्तीय धांधलियां हुई है. इस सभी वित्तीय धांधलियों के पीछे योजना को बनाने वाले अधिकारियों का हाथ है.

फोरलेन एक्सप्रेस रोड निर्माण में वित्तीय धांधली- रामलाल ठाकुर

उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार की तरफ से योजना में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े अधिकारियों की संपत्तियों की भी जांच करवाई जानी चाहिए. कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन एक्सप्रेस रोड बहुत बड़ा घोटाला है. इसकी पूरी जांच केंद्रीय अन्वेषण जांच ब्यूरो से करवाई जानी चाहिए, जिससे देश की जनता का पैसा सबके सामने आ सके.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2012-13 में यूपीए सरकार की देन रही है. उन्होंने कहा कि यह योजना 2012 में शुरू की गई थी और इस फोरलेन को 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन बार-बार इसकी डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद यह परियोजना पूरी होती नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि 1818 करोड़ रुपये से बनने वाली योजना वर्तमान में 3500 के करीब पहुंच चुकी है.

डेढ़ साल से परियोजना का काम बंद

पिछले डेढ़ वर्ष से परियोजना का काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. हालात यह है कि यह परियोजना के पूरी होने का किसी को पता नहीं है. 84.38 किलोमीटर लंबे फोरलेन का अभी कुछ ही किलोमीटर काम पूरा हो पाया है. इस मामले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जय़राम ठाकुर ने समीक्षा बैठक की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि कंपनी की एनएचएआई को दी गई रिपोर्ट के अनुसार अभी तक मात्र 72 फीसदी काम ही पूरा हो सका है. फोरलेन में पांच यातायात सुरंगों के निर्माण सहित 17 बड़े-छोटे पुल बनने हैं, लेकिन सभी काम अभी तक अधूरे है. रामलाल ठाकुर ने कहा कि अभी 1455.73 करोड़ की स्वीकृति हो चुकी है फिर भी नए टेंडर के लिए देरी क्यों बरती जा रही है.

रामलाल ठाकुर ने कहा कि यदि इस फोरलेन योजना का काम पूरा नहीं किया गया और इस योजना में की गई बड़ी-बड़ी वित्तीय धांधलियों की जांच नहीं करवाई गई तो वह इस बारे में देश के प्रधानमंत्री कार्यलय व सड़क परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखेंगे. इसके बाद भी अगर आवश्यकता पड़ी तो देश के उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने से भी परहेज नहीं करेंगे.

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