सोलन: जिला सोलन को टमाटर के लिए देशभर में पहचाना जाता है. कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर भी काफी गहरा असर पड़ा है. बात अगर हिमाचल प्रदेश की कि जाए तो इन दिनों प्रदेश में टमाटर और सेब का सीजन चला रहा है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी कोरोना वायरस का गहरा असर पड़ा है, बावजूद इसके किसानों और बागवानों ने हिम्मत नहीं हारी है. किसान उम्मीद जता रहे हैं कि टमाटर सीजन खत्म होने पर प्रदेश के बाहर मंडियों में अच्छी कीमत मिलने से उनकी आर्थिकी फिर से सुदृढ़ हो सकती है.
हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में सेब सीजन जोरों पर चल रहा है तो वहीं निचली क्षेत्रों में टमाटर सीजन पूरे देश भर में वाहवाही लूट रहा है. इन दिनों देश के कोने-कोने तक सोलन जिले का 'लाल सोना' यानी टमाटर पहुंच रहा है. हिमाचल के टमाटर (Himachali tomatoes) की इन दिनों बाहरी राज्यों में मांग लगातार बढ़ती जा रही है. आढ़ती भी आए दिन अपनी मांगों को लेकर सब्जी मंडी में पहुंच रहे हैं. जिले में ओलावृष्टि के कारण इस बार किसानों को शुरुआती दिनों में टमाटर के अच्छे दाम नहीं मिल पाए, लेकिन टमाटर का सीजन (tomato season) अब समाप्ति की ओर है. ऐसे में अब किसानों को टमाटर के 500 से 550 रुपए तक प्रति क्रेट दाम मिल रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए ये काफी है.
सोलन सब्जी मंडी के सचिव (Secretary of Solan vegetable market) रविंद्र शर्मा ने बताया कि शुरुआती दिनों में टमाटर के किसानों को अच्छे दाम नहीं मिले, क्योंकि बाहरी राज्यों से टमाटर सूरन की मंडी में पहुंच रहा था. अब किसानों को टमाटर के अच्छे दाम मिलने शुरू हो गए हैं. अभी तक टमाटर की ढाई लाख क्रेट सब्जी मंडी सोलन में पहुंच गई हैं. ई-नाम के तहत अभी तक सब्जी मंडी में 18 करोड़ का ई-ट्रेड अभी तक किया गया है, जिससे किसानों के पैसे सीधे ही उनके खातों में आ चुके हैं.