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कोरोना काल में छूटी थी कॉरपोरेट जगत की जॉब, अब निटिंग में बनाया करियर

कोरोना काल में हिमाचल प्रदेश में काफी युवाओं की नौकरी गई है. नौकरी जाने से कुछ परेशान हैं तो कुछ इस आपदा को अवसर में बदलकर समाज के सामने मिसाल पेश कर रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं नीटएंगल की अध्यक्ष ईशा कटोच, जिन्होंने कॉरपोरेट जगत की नौकरी जाने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी. इन दिनों ईशा ने डिजाइनर ऊनी बैग, जूट बैग, ऊनी मफलर बनाने का काम शुरू किया है. ईशा के साथ कुछ महिलाएं भी जुड़ी हैं जो अपने छिपे हुए हुनर को सामने ला रही हैं. शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर (Historic Gaiety Theater) में लगे नीट एंगल द्वारा हाथ से बने ऊनी सामान की प्रदर्शनी में भारी संख्या में लोग पहुंचे रहे हैं.

historic Gaiety Theater in Shimla
शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में प्रदर्शनी.

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Published : Nov 12, 2021, 8:56 PM IST

शिमला: कोरोना काल में देश के साथ-साथ लोग भी आर्थिक रूप से काफी प्रभावित हुए हैं. कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश के कई युवाओं को अपना रोजगार छोड़ कर घर वापस आना पड़ा. ऐसे में बहुत से युवा मायूस हो गए थे, लेकिन ऐसे ही हताश लोगों के लिए पहाड़ की एक बेटी मिसाल बनी हैं. बेटी ने न केवल घर बैठे रोजगार शुरू किया, बल्कि हाथ से बने सामान की अलग पहचान बनाई जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

राजधानी शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर (Historic Gaiety Theater) में लगे नीट एंगल द्वारा हाथ से बने ऊनी सामान की प्रदर्शनी लगाई गई. हाथ से बने ऊनी सामान जिसमें मफलर, टोपी के साथ बैग शामिल हैं, इसे लोगे काफी रहे हैं. प्रदर्शनी को देखने के लिए स्थानिए लोगों के साथ पर्यटक भी काफी संख्या में आ रहे हैं.

वहीं, प्रदर्शनी की आयोजक एवं नीटएंगल की अध्यक्ष ईशा कटोच (Neetangle President Isha Katoch) ने बताया कि वह पिछले 6 सालों से गुड़गांव में कॉरपोरेट सेक्टर में अच्छी जॉब कर रही थीं. 2020 में कोरोना संकट के समय उन्हें अपनी जॉब छोड़ कर शिमला घर वापस आना पड़ा. ऐसे में उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और निटिंग का काम शुरू किया. उन्होंने कहा कि वैसे तो ऊनी वस्त्र सर्दियों में ही इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए ऊनी डिजाइनर बैग, जूट बैग इत्यादि बनाना शुरू किया जो बाजार में बिकने वाले महंगे बैग का मुकाबला कर रहे हैं.

ईशा कटोच ने बताया कि उनके साथ कुछ महिलाएं भी जुड़ी हैं जो अपने छिपे हुए हुनर को सामने ला रही हैं. उन्होंने कहा कि उनकी ऐसे महिलाओं से अपील है जो बुनने की कला जानती हैं और आगे बढ़ नहीं पा रहीं है, उन्हें उनके संस्था में अपनी कला को उभारने का मौका मिलेगा.

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