अंतिम दर्शन के लिए रिज मैदान पर रखा गया वीरभद्र सिंह का पार्थिव शरीर
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का वीरवार सुबह निधन हो गया. वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है. राष्ट्रपति, पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सीएम जयराम ठाकुर समेत कई नेताओं ने वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है. अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा, इससे पहले आज रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है.
रामपुर बुशहर के शाही श्मशान घाट में होगा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार रामपुर बुशहर के जोगनी बाग में शनिवार को राजसी परंपरा के साथ अंतिम संस्कार होगा. वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से पहले राज महल में विक्रमादित्य का राज तिलक होगा. पूर्व सीएम के अंतिम संस्कार में 4 ठहरी के वाद्य यंत्रों को भी आमंत्रित किया गया है.
वीरभद्र सिंह का विचार था धर्मांतरण कानून, देश में सबसे पहले हिमाचल में लाया गया था बिल
वीरभद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में साल 2006 में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाया था. ये बिल लाने वाले वीरभद्र सिंह संभवत: देश के पहले मुख्यमंत्री थे. इसी बात को लेकर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में सत्ताधारी दल भाजपा ने भी वीरभद्र सिंह की तारीफ में कसीदे पढ़े थे. अब देश के कई राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बन गए हैं.
वीकेंड पर शिमला-मनाली में उमड़ रही पर्यटकों की भारी भीड़, कोविड प्रोटोकॉल का जमकर हो रहा उल्लंघन
डेल्टा वेरिएंट के खतरे के बीच वीकेंड पर शिमला-मनाली में पर्यटकों की भारी आमद देखने को मिल रही है. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं हो रहा है. कई जगहों पर पर्यटक बिना मास्क के घूमते हुए दिख रहे है. भीड़ बढ़ने से जहां स्वाभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं. तो वहीं, दूसरी ओर पर्यटक सही तरह से मास्क भी नहीं लगा रहे. ऐसे में कोरोना का खतरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.
एचपीयू के वीसी सिकंदर कुमार की नियुक्ति को चुनौती, हाईकोर्ट में 30 जुलाई को होगी अंतिम सुनवाई
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिकंदर कुमार (Vice Chancellor Dr Sikander Kumar) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतिम सुनवाई (Final Hearing) 30 जुलाई को हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में होगी. प्रार्थी ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई है कि प्रतिवादी को आदेश दिए जाए कि वह एचपीयू के वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए अपनी योग्यता अदालत को बताए और यदि उसकी योग्यता यूजीसी के रेगुलेशन के विपरीत पाई जाती है तो उस स्थिति में उसकी नियुक्ति रद्द की जाए.