शिमला: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सभी डरे हुए हैं. इसे बच्चों के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा है, लेकिन अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं उसमें 10 फीसदी से कम बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं. अब तक सामने आने वाले मामलों में युवा और वृद्धों की संख्या ज्यादा है.
ये बात आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. सुरेंद्र सिंह सोढ़ी ने कही. उनका कहना था कि अब तक 10 फीसदी से कम बच्चे ही कोरोना की चपेट में आए हैं. उनका कहना था कि जब स्कूल खुले थे उस दौरान ही बच्चे पॉजिटिव आये थे, लेकिन जैसे स्कूल बंद कर दिए गए उसके बाद बच्चे घर पर ही हैं और सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया परिजन अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें और कोरोना नियमों का पालन करते रहें.
आईजीएमसी के प्रिंसिपल सुरेंद्र सिंह सोढ़ी ने कहा कि वैक्सीन लगाने के लिए सबको खुल कर आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये सही है कि वैक्सीन के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन वैक्सीन लगवाने वालों को कोरोना संक्रमण ज्यादा नुकसान नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगे व्यक्ति को संक्रमण हो सकता है, लेकिन उसे ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी और वह जल्द स्वस्थ हो जाएगा.
आईजीएमसी के प्रिंसिपल सुरेंद्र सिंह सोढ़ी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है. वहीं, अब मामले प्रतिदिन बढ़ने लगे हैं. आईजीएमसी में जहां बीते सप्ताह 25 मरीज कोरोना संक्रमण के दाखिल थे वहीं, यह संख्या बढ़कर 45 हो गई है, यानी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
डॉ. सोढ़ी ने लोगों को अलर्ट किया है कि वह सावधानी बरतें और कोरोना नियमों का पालन करें अन्यथा आईजीएमसी में एक बार फिर से आइसोलेशन वार्ड फुल होने लग जाएंगे. गौरतलब है कि हिमाचल में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच अब अधिक से अधिक लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं.