शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरपा रहा है. अभी तक प्रदेश में सामान्य से 7 प्रतिशत कम बारिश हुई है. पूर्वानुमान के अनुसार इस मानसून सीजन में सामान्य या सामान्य से कुछ अधिक बारिश हो सकती है. ऐसे में अगस्त महीने में अधिक बारिश हो सकती है. जिस कारण प्रदेश में लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं. बरसात शुरू होने से अब तक प्रदेश में 141 लोग अकारण ही काल का ग्रास बन चुके हैं. इसके अलावा 6 लोग फ्लैश फ्लड में अभी भी मिसिंग हैं. 104 पशु भी भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में मारे गए हैं और 212 गौशालाएं भी टूट गई हैं.
प्रदेश में बारिश के कारण कच्चे और पक्के कुल मिलाकर 73 मकान ढह गए हैं. 182 मकानों की आंशिक क्षति पहुंची है. 31 जुलाई 2022 तक 452 करोड़ रुपए का नुकसान बारिश के कारण हुआ है. शिमला जिला में सबसे अधिक 22 लोगों की मौत हुई है. कुल्लू जिला में 21 और मंडी में 17 लोगों की मौत हुई. प्रिंसिपल सेक्रेटरी आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मानसून इस वर्ष काफी देरी से शुरू हुआ है. प्रदेश में मानसून करीब 29 जून के बाद शुरू हुआ है. इसी कारण जून महीने में -34 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की है, लेकिन जुलाई महीने में प्रदेश में करीब-करीब सभी स्थानों पर सामान्य से अधिक बारिश हुई है.
जुलाई महीने में प्रदेश में सामान्य से (Damage due to monsoon in Himachal) करीब 12 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है. इसी कारण जुलाई महीने में प्रदेश के अनेक स्थानों पर बादल फटने जैसी घटनाएं सामने आई हैं. ओंकार शर्मा ने कहा कि प्रदेश में इस बार फ्लैश की घटनाएं अधिक देखने को मिल रही हैं. कई स्थानों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं. जिस कारण जानमाल का भारी नुकसान हुआ है. चिंता की बात यह है कि जून और जुलाई दोनों महीनों की बारिश सामान्य से 7 प्रतिशत कम है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगस्त में भी सामान्य या सामान्य से कुछ अधिक बारिश होने की संभावना है. ऐसे में अगस्त महीने में और अधिक बारिश हो सकती है. जिसके कारण प्रदेश में लैंडस्लाइड और फ्लैशफल़्ड जैसी घटनाएं और अधिक हो सकती हैं.
ओंकार शर्मा ने कहा कहा कि इससे निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. सभी जिलाधीशों के साथ मीटिंग कर प्लानिंग तैयार कर ली गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आपदा के समय जरूरी मशीनों या फिर सड़कें बाधित होने की स्थिति में जरूरी उपकरण पहुंचा दिए हैं. सभी विभागीय टीमें अपने-अपने स्थानों पर तैनात हैं. इसके अलावा आवश्यक सुविधाएं बाधित होने पर किस प्रकार लोगों को राहत प्रदान की जाए इस पर भी प्रशासन सतर्क है.