शिमला: हिमाचल के बागवानों को इटली की तर्ज पर अच्छे सेबों की पैदावार के लिए अब इटली के विशेषज्ञ मदद करेंगे. इसके लिए हिमाचल की प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. इस एमओयू को पीजीए के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेक्रेट्री जनरल क्लैडियो मफैलेटी (claudio maffioletti) के बीच साइन किया गया है.
एमओयू साइन करते पीजीए के अध्यक्ष और इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के जनरल सेक्रेट्री. इस एमओयू के तहत बागवानों को वायरस मुक्त सेब के पौधे, दवाई स्प्रे और मशीनिरी मुहैय्या करवाया जाएगा. सेब के जो पौधे बागवानों को दिए जाएंगे वे इटली की सर्टिफाई नर्सरी से मंगाए जाएंगे. इसके साथ ही बागवानों को मुफ्त में प्रक्षिक्षण देने के साथ ही नए बगीचों को किस तरफ से ऊपर उठाया जाए इसके बारे में जानकारी दी जाएगी.
जुब्बल में बनाया जाएगा इटैलियन ऑर्चर्ड
इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करने का सबसे फायदा ये होगा कि शिमला के जुब्बल के कदरोट में इटैलियन ऑर्चर्ड बनाया जाएगा. जहां पर बागवानों को सेब की अच्छी किस्मों के उगाने की तकनीक के बारे में प्रशक्षिण दिया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले भी इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने शेरे कश्मीर विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया है. जिसके तहत घाटी बागवानों को नए अविष्कारों के बारे में बताकर सेब उत्पादन को बढ़ाने में मदद की जा रही है. इसके साथ ही चेम्बर के विशेषज्ञ बागवानों को एंटी हेल नेट के बारे में बताया जाएगा.
बागवानों से बातचीत करते इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंड्रस्टी के सेक्रेट्री जनरल क्लैडियो मफैलेटी. प्रदेश के बागवानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
शनिवार को इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य और इटली के नर्सरी के विशेषज्ञ जुब्बल के कदरोट में इटली के सेब के पौधों से तैयार किए गए बगीचे में पहुंचे जहां उन्होंने बगीचे का जायजा लिया. इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के डिप्टी सेक्रेट्री जनरल अमर जोशी ने कहा कि हमें खुशी है कि पीजीए के साथ एमओयू साइन किया है. इस एमओयू का उद्देश्य यहां के बागवानों को प्रशिक्षण देना है जिसके तहत बागवानों को ट्री प्लांटेशन, कल्टीवेशन और मेंटेनेंस तकनीक के बारे में जानकारी देना है. जिसके बाद हम भारत मे प्लांटिंग मैटेरियल इटली से उपलब्ध करवाएंगे. इसके अलावा बागवानों को सेब उत्पादन को लेकर क्या किया जाना चाहिए, क्या नहीं इसके बारे में ही यहां के स्थानीय बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इटली के सेब की खासियत
प्रदेश में बागवान अब इटली के सेब के बगीचे तैयार कर रहे हैं. बागीचों में लगे पौधे दो साल में फसल देना शुरू कर देंगे. वहीं, बाजार में इस सेब के अच्छे दाम भी मिलते है. अन्य सेब के पौधों से इटली के पौधे ज्यादा फसल देते है. प्रदेश में करीब 15 प्रतिशत बागवानों ने इटली के पौधे लगाए हैं. पीजीए के महासचिव कुनाल चौहान ने कहा कि प्रदेश में कई बागवान इटली के सेब का बगीचा तैयार कर रहे हैं और अब इंडो इटैलियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन करके बागवानों को काफी फायदा होगा. इटली के सेब के पौधे से कम समय मे फसल मिलती है और दाम भी अच्छे मिलते है.