शिमला: सैन्य प्रशिक्षण कमान आरट्रैक का मुख्यालय राजधानी शिमला से मेरठ शिफ्ट नहीं होगा. आरट्रैक को मेरठ शिफ्ट करने की अटकलों पर केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल विराम लगा दिया है.
राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के प्रश्न के जवाब में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने राज्यसभा में इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने जवाब में कहा कि फिलहाल रक्षा मंत्रालय का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. रक्षा राज्य मंत्री के इस आश्वासन से आरट्रैक शिमला में तो रहेगा ही साथ ही कई स्थानीय युवाओं का रोजगार भी बच गया है.
आरट्रैक को शिफ्ट होने से बचाने के लिए प्रदेश के लगभग सभी बड़े नेताओं ने मुहीम छेड़ रखी थी. जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सांसद और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कई बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर इस बारे में अपनी बात रखी थी.
पढ़ेंः BJP को बड़ा झटका, प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष पद से इंदु गोस्वामी का इस्तीफा
वहीं, कांग्रेस राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने भी रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर आरट्रैक को शिमला से शिफ्ट नहीं किए जाने की मांग रखी थी. वहीं, आनंद शर्मा ने राज्यसभा में आरट्रैक को शिफ्ट किए जाने को लेकर अतारंकित सवाल पूछा था जिसमें रक्षा राज्य मंत्री ने ये जनाकारी दी.
आरट्रैक का इतिहास
आरट्रैक का गठन 1 अक्तूबर 1991 को किया गया था. उस समय इसकी स्थापना मध्यप्रदेश के मऊ में की गई थी, लेकिन जल्द ही 31 मार्च 1993 में मुख्यालय शिमला शिफ्ट कर दिया गया. तब से अब तक आरट्रैक शिमला से ही सफल रूप से अपना कार्य कर रहा है. इसका मुख्य कार्य जवानों की ट्रेनिंग को अधिक प्रभावशाली बनाना और सेना प्रशिक्षण और युद्ध से जुड़ी विभिन्न नीतियां बनाना हैं.