शिमलाः हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय सजग नजर आ रहा है. हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के तहत 30 अप्रैल को 3 वर्ष का अनुबंध सेवाकाल पूरा करने वाले सैकड़ों प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) की डिग्रियों की जांच करने का फैसला लिया गया है.
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं. इन निर्देशों के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारियों को टीजीटी डिग्रियों की जांच कर शिक्षा निदेशालय को इस बारे में जल्द से जल्द सूचित करना होगा.
फर्जी डिग्री होने पर गिरेगी गाज
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में सभी जिला शिक्षा उप-निदेशकों को कहा गया है कि 30 मार्च 2021 को 3 वर्ष का अनुबंध सेवाकाल पूरा कर 30 अप्रैल को नियमित किए गए टीजीटी की बीए, बीकॉम, बीएससी और बीएड की डिग्री के बारे में विश्वविद्यालय से जांच कराई जाए. अब ऐसे में अगर कोई डिग्री आ फर्जी पाई जाती है, तो शिक्षा निदेशालय उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा.
प्रदेश में फर्जी डिग्री मामला सामने आने के बाद लिया गया फैसला
हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों निजी विश्वविद्यालय से फर्जी डिग्री का मामला सामने आया है. इसकी जांच चल रही है. ऐसे में शिक्षा निदेशालय की ओर से टीजीटी डिग्री जांचने का फैसला लिया गया है. टीजीटी डिग्री की जांच कर शिक्षा निदेशालय अपनी ओर से संतुष्ट होना चाहता है.
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