शिमला: Benefits of Shri Renuka Dam Project: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय महत्व की श्री रेणुका बांध परियोजना से देश के कई राज्यों का भला होगा. राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना से हिमाचल (Electricity from Shri Renuka Dam Project) को बिजली, दिल्ली-एनसीआर को पानी के साथ यमुना नदी को नया जीवन मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की (PM Modi interest in Shri Renuka Dam) इस प्रोजेक्ट में निजी रुचि है. हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस परियोजना से जुड़ी बड़ी बाधा हट गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में श्री रेणुकाजी परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के हिस्से के रूप में अनुमोदन मंजूर हुआ है.
वर्ष 2015 में टीएसी ने इस परियोजना की विस्तृत योजना रिपोर्ट को 4596.76 करोड़ रुपये के कुल मूल्य पर स्वीकार किया गया था. हालांकि लाभार्थी राज्यों के बीच अंतरराज्यीय समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका. श्री रेणुकाजी बांध परियोजना (PM Modi interest in Shri Renuka Dam) का निर्माण दिसम्बर, 2022 तक आरम्भ होने की उम्मीद है और यह छह साल में पूर्ण हो जाएगा. कैट जलग्रहण क्षेत्र में विभिन्न सुधार कार्यों पर 160.34 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अनुसार केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयास से 9 जनवरी, 2019 को लाभार्थी राज्यों दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने अंतरराज्यीय समझौते पर (renuka ji dam project got approval) हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा कि इस तरह समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद 9 दिसम्बर, 2019 को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 6946.99 करोड़ रुपये मूल्य की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को पुनः स्वीकार किया गया. इस परियोजना में 148 मीटर ऊंचे रॉक फिल्ल डैम की परिकल्पना की गई है. इससे मानसून जल का संग्रहण होगा और 24 किलोमीटर लंबे जलाशय का निर्माण होगा.
बांध का लाइव स्टोरेज 498 मिलियन क्यूबिक मीटर होगा, जिसका उपयोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को 23 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की दर से पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाएगा. यह 40 मेगावाट क्षमता के सतही ऊर्जा घर में 200 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादन भी करेगा, जिसका उपयोग हिमाचल सरकार द्वारा किया जाएगा. अब इस परियोजना में अंतिम बाधा भी दूर हो चुकी है क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में श्री रेणुकाजी परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के हिस्से के रूप में अनुमोदन मंजूर कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना को लेकर 12 मई 1994 को सबसे पहला एमओयू साइन हुआ था. पहले ये परियोजना 1284 करोड़ रुपये की थी, लेकिन अब इस पर सात हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की रकम खर्च होने का अनुमान है. इस तरह करीब पांच गुणा लागत बढ़ी है. इस परियोजना से हिमाचल को बिजली मिलेगी तो दिल्ली और हरियाणा को पीने का पानी. अब ये भी तय हुआ है कि दिल्ली के साथ हिमाचल भी अपनी जरूरत के हिसाब से पानी ले सकेगा.
डैम के भूमि अधिग्रहण के लिए हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम को 686 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. इस डैम में 40 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट भी बनेगा और वो हिमाचल के लिए होगा. लेकिन इसकी 90 फीसदी निर्माण लागत दिल्ली सरकार वहन करेगी. क्योंकि डैम से पानी दिल्ली को दिया जा रहा है. इस बारे में संबंधित छह राज्यों ने 11 जनवरी 2019 को दिल्ली में एमओयू भी साइन किया है. रेणुका बांध परियोजना को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व (Latest update on Renuka Dam Project) की परियोजना करार दिया है. इस परियोजना से एनसीआर यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश व हरियाणा को पानी मिलना है. बड़ी बात ये है कि रेणुका के साथ वाली गिरि नदी के पानी से दिल्ली में यमुना नदी भी रिवाइव होगी.
यहां बता दें कि रेणुका डैम (Renuka Dam Project in Himachal) को लेकर पहले पहल 1994 में एमओयू साइन हुआ था. उसके बाद इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट घोषित किया गया. प्रोजेक्ट की लागत करीब 1981. 35 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जो देरी के कारण बढक़र सात हजार करोड़ रुपये हो गई. परियोजना में तहत 175 मीटर ऊंचा बांध बनेगा. वर्ष 2015 में दिल्ली सरकार ने अपने हिस्से के 200 करोड़ रुपये भी अदा कर दिए थे. केंद्र सरकार उस समय अपने हिस्से के नब्बे फीसदी को अदा नहीं कर रही थी.
इस मामले में हिमाचल सरकार ने तब संबंधित एजेंसियों को 15 रिमाइंडर दिए थे. दिल्ली सरकार इस लिए सहयोग कर रही है कि उसे परियोजना से 23 क्यूमैक्स पानी मिलना है. परियोजना की अनुमानित लागत 6946.99 करोड़ रुपये हो गई है. केंद्र सरकार ने हालांकि फरवरी 2019 में इस परियोजना की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी, लेकिन फंड के लिए कोई संकेत नहीं मिल रहे थे, लेकिन अब सारी अड़चनें दूर हो गई हैं. परियोजना का निर्माण हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन करेगा.
पूर्व में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे बंडारू दत्तात्रेय ने इस परियोजना को लेकर केंद्रीय मंत्री को चिट्ठी लिखी थी. बंडारू दत्तात्रेय ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी में लिखा था कि परियोजना के लिए सभी जरूरी क्लीयरेंस जैसे पर्यावरण, वन (चरण-1) आदि मिल चुकी हैं. केवल वन स्वीकृति का चरण-2 मंजूर होना बाकी है. इसके लिए केंद्र सरकार से धनराशि की जरूरत है. केंद्र से पैसा मिलते ही और कैंपा फंड में 577 करोड़ की रकम आते ही काम में तेजी आएगी.
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि इस परियोजना को लेकर (Latest update on Renuka Dam Project) हिमाचल सरकार समय-समय पर केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों से पत्राचार करती रही. इस परियोजना में अलग-अलग घटक हैं. हिमाचल प्रदेश कुल जल हिस्से के 3.15 प्रतिशत का उपयोग कर सकेगा. परियोजना में जल घटक 4352 करोड़ रुपये का है. वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि परियोजना के कार्यशील होने पर प्रभावित क्षेत्र में हर साल सालाना रेवेन्यू का एक प्रतिशत वितरित किया जाएगा.
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