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इस बार बदली-बदली होंगी मां-बेटे के मिलन का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी की रिवायतें - नाहन न्यूज

अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी की इस बार कोरोना काल के चलते रिवायतें कुछ बदली बदली सी होगी. 24 से 30 नवंबर तक आयोजित होने वाले श्री रेणुका जी मेले को लेकर सिरमौर प्रशासन ने कोविड-19 के मद्देनजर एसओपी जारी कर दी है.

International Renuka Ji Fair
अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी

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Published : Nov 20, 2020, 10:01 AM IST

नाहन: भगवान परशुराम और उनकी माता श्री रेणुका जी के मिलन का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी की इस बार कोरोना काल के चलते रिवायतें कुछ बदली बदली सी होगी. 24 से 30 नवंबर तक आयोजित होने वाले श्री रेणुका जी मेले को लेकर सिरमौर प्रशासन ने कोविड-19 के मद्देनजर एसओपी जारी कर दी है.

मेले में इस बार केवल बरसों से चली आ रही परंपराओं का ही निर्वाहन होगा. डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कोरोना काल के बीच इस बार आयोजित होने वाले मेले के बदलाव और नियमों को लेकर विस्तार से जानकारी दी. डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि श्री रेणुका जी मेले के दौरान कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए श्रद्धालुओं को प्रशासन द्वारा जारी एसओपी का पालन करना अनिवार्य होगा.

वीडियो रिपोर्ट

डीसी ने बताया कि मेले में आने वाले सभी देवलुओं और आम लोगों को हर समय मास्क अनिवार्य होगा. साथ ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होगा. सभी देवलुओं को अनिवार्य रूप से हाथ धोना या हाथ सेनिटाइज करना होगा.

डीसी ने बताया कि देवी-देवताओं के मंदिर में दर्शन के लिए निर्धारित स्थान से दर्शन करना होगा. मूर्ति या पालकी को छूना वर्जित होगा. दर्शन के लिए कतार में चयनित स्थानों पर खड़े होना अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सुबह और शाम को सभी मंदिरों को सेनिटाइज किया जाएगा. उपयोग किए गए मास्क, दस्ताने इत्यादि के निस्तारण के लिए अलग से कूड़े को चिन्हित कूड़ेदान में डालना सुनिश्चित करना होगा.

डीसी डॉ. आरके परूथी ने बताया कि सभी श्रद्धालु और लोग प्रशासन के जारी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. शोभा यात्रा और देवताओं के साथ आने जाने वाले सभी देवलुओं और बजतरियों के लिए कोरोना जांच करवाना अनिवार्य होगा. श्रद्धालुओं देवालु आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करेंगे और प्रशासन के चयनित स्थानों पर तापमान की जांच करवाना, हाथ धोना व सैनिटाइज करना सुनिश्चित करेंगे.

सभी देवताओं के साथ आने वाले देवलु, कारगार, बजतरी के साथ मेले में भाग लेने आएंगे, वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे और किसी भी बीमारी के लक्षणों को आवश्यक रूप से संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों के ध्यान में लाएंगे. डीसी ने बताया कि 65 वर्ष की आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मेले में न आने का परामर्श दिया गया है.

मेला स्थल और आसपास के सार्वजनिक क्षेत्रों में थूकना व उपयोग में लाए हुए मास्क को इधर-उधर फेंकने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा. कुल मिलाकर सिरमौर प्रशासन ने मेले को लेकर जारी एसओपी का सख्ती से पालन करने का सभी से आग्रह किया है, अन्यथा आदेशों की अवहेलना करने पर कार्रवाई की जाएगी.

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