पांवटा साहिब:प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा हड़पने वाले फर्जी किसानों के खिलाफ सरकारी कार्रवाई शुरू हो गई है. सरकार ने ऐसे किसानों की पहचान कर उन्हें सरकार का पैसा लौटाने को लेकर नोटिस थमा दिए हैं, जो उन्होंने गलत जानकारी देकर हड़पे थे.
नोटिस मिलने से किसान नाराज
नोटिस मिलने से ऐसे किसानों में हड़कंप है और सरकार की इस कार्रवाई की आलोचना कर रहे हैं. केंद्र सरकार की इस योजना में देश के जरूरतमंद किसानों को जोड़ा गया था, लेकिन कुछ बड़े किसान भी योजना का लाभ लेने के लिए योजना से जुड़ गए थे और किसान सम्मान निधि का लाभ भी उठा रहे थे.
किसानों की पहचान की प्रक्रिया शुरू
ऐसे किसानों की पहचान के लिए सरकार ने देशभर में छंटनी प्रक्रिया शुरू की थी. इस प्रक्रिया में हजारों ऐसे किसान भी सामने आए हैं, जिनके कृषि के अलावा अन्य आय के साधन भी हैं. यह किसान टैक्स भी भरते हैं. योजना में जुड़े ऐसे किसानों की पहचान के बाद अब सरकार ने इन्हें रिकवरी के नोटिस थमा दिए हैं.
प्रशासन के माध्यम से इन किसानों से रिकवरी के आदेश
स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन किसानों से रिकवरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं. रिकवरी के नोटिस ऐसे किसानों को भेजे गए हैं जो आयकर दाता हैं या उनकी कृषि के अलावा भी अन्य व्यवसाय से आमदनी होती है. किसानों को भेजे नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि वह है तय तिथि के भीतर उनको मिला पैसा चेक के माध्यम से स्थानीय तहसीलदार के पास जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
किसानों ने जताई नाराजगी
पांवटा साहिब क्षेत्र में भी ऐसे दर्जनों किसानों के घरों में नोटिस पहुंचे हैं. नोटिस मिलने से ऐसे किसान नाराज हैं और सरकार के इस एक्शन की आलोचना कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि एक तो कृषि बिल के नाम पर तीन काले कानून उन पर थोपे जा रहे हैं. दूसरे उनको दी गई किसान सम्मान निधि भी वापिस वसूलने के फरमान जारी किए गए हैं.
हिमाचल किसान सभा नोटिस का कर रहे विरोध
वहीं, हिमाचल किसान सभा के जिला सचिव गुरविंदर सिंह ने बताया कि पहले भी काले कानून में किसानों का जीना दुश्वार कर दिया है. ऐसे में अब किसान निधि भी किसानों से वापस ली जा रही है उन्होंने कहा कि हिमाचल किसान सभा केंद्र सरकार से अपील करती है किसानों के नोटिस को रद्द किया जाए, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति कमजोर ना हो.
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