मंडी: जिला मंडी के उपमंडल सरकाघाट की पिंगला पंचायत में एक परिवार जंगल में बिना मूलभूत सुविधाओं के रहने को मजबूर है. यह परिवार जंगल के बीचोंबीच बांस के बने झोपड़े में बिना मूलभूत सुविधाओं के जीवन व्यतीत कर रहा है.
सुरेंद्र कुमार अपनी 2 वर्षीय बेटी और पत्नी के साथ रिस्सा पंचायत के गांव छिंबा बल्ह में धरयाला नामक स्थान पर निवास कर रहा है. यह परिवार गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर है. परिवार को बिजली छोड़कर बाकी कोई सुविधा नहीं मिल रही है.
इस परिवार की विडंबना यह है कि सुरेंद्र कुमार के पिता ने 2 शादियां की हैं और सुरेंद्र कुमार उसकी पहली पत्नी की संतान है. पिता की भी मृत्यु हो गई है और सौतेली मां ने उसे घर से निकाल दिया है, जिसके चलते वह अपनी 2 वर्ष की बेटी और पत्नी के साथ जंगल में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है.
पिंगला पंचायत की प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार अपनी नशेड़ी आदतों के कारण कभी-कभी घर भी नहीं आता है और उसकी पत्नी रीना को अकेले ही अपनी 2 वर्षीय बेटी को लेकर रात गुजारनी पड़ती है.
आलम यह है कि आज तक यह पूरा परिवार किसी भी पंचायत में पंजीकृत नहीं हो पाया है. जिस वजह से इन्हें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही. सुरेंद्र भी नश करता है ऐसे में परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं है. सुरेंद्र और रीना की तीन बेटियां हैं, इनमें एक बेटी उनके साथ रहती है.
झोपड़ी में न पानी की व्यवस्था न शौचालय