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हिमालयन सीरो की रक्षा करेगा विशेष दस्ता, डीएफओ स्पीति ने गठित की टीम

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Published : Dec 17, 2020, 6:13 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 7:35 PM IST

वन्यजीव विलुप्त की अनुसूची में शामिल इस हिमालयन सीरो की हिफाजत के लिए डीएफओ स्पीति की निगरानी में टीम का गठन किया गया है. टीम इस वन्यजीव को लगातार मॉनिटर कर रही है, ताकि कोई इंसान इसका शिकार न करे.

himalayan serow spotted
himalayan serow spotted

कुल्लूःजिला लाहौल स्पीति के हुरलिंग क्षेत्र में विलुप्त प्रजाति हिमालयन सीरो के मिलने के बाद वन विभाग अब सक्रिय हो गया है. वन्यजीव विलुप्त की अनुसूची में शामिल इस हिमालयन सीरो की हिफाजत के लिए डीएफओ स्पीति की निगरानी में टीम का गठन किया गया है. टीम इस वन्यजीव को लगातार मॉनिटर कर रही है, ताकि कोई इंसान इसका शिकार न करे.

वहीं, इसे वापस हिमालयन नेशनल पार्क भेजने के भी प्राकृतिक तौर पर प्रयास किए जा रहे हैं. इससे पहले यह जीव इस नेशनल पार्क चंबा में देखा गया था. यह पूरे राज्य में और कहीं भी नहीं मिलता है.

वीडियो.

12 दिसंबर को दिखा था सिरो

गौरतलब है कि 12 दिसंबर को इस विलुप्त प्रजाति के हिमालयन सिरो (यामू) को वन्यप्राणी मंडल स्पीति ने अपने कैमरे में कैद किया था. इस जानवर की वीडियो भी बनाई गई थी. इतना ही नहीं, स्थानीय लोग भी इस विलुप्त प्रजाति को देखकर अचंभित रह गए. ऐसा माना जाता था कि यह जानवर पूरी तरह से धरती से विलुप्त हो गया है, लेकिन जैसे ही इस जानवर को स्पीति में देखा गया, तो वन्यप्राणी मंडल समेत स्थानीय लोग भी खुश हो गए.

दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण के निर्देश

उल्लेखनीय है कि वन्यजीव विलुप्त की अनुसूची एक में शामिल हिमालयन सिरो को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन फॉर नेचर (आईयूसीएन) ने संकटापन्न के नजदीक श्रेणी में शामिल किया है. वहीं, इस बारे में वन्यप्राणी प्रभाग की मुखिया अर्चना शर्मा ने बताया कि यह बेहद खुशी की बात है कि विलुप्त जानवर हिमालयन सीरो को स्पीति में देखा गया है. उन्होंने कहा कि इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण व हुरलिंग क्षेत्र की निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

अनुमान भटक कर पहुंची यहां

पिछले कुछ सालों में यह दुर्लभ प्रजाति ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और चंबा के कुछ ऊपरी क्षेत्रों में देखी गई थी. इस दुर्गम क्षेत्र में यह प्रजाति साथ में लगती रूपी भावा वन्यप्राणी अभ्यारण स्थल से भटक कर आई है. कोल्ड डेजर्ट में इस प्रजाति की यह पहली फोटोग्राफी रिकॉर्ड है. ऐसे में वन्यजीव विंग ने इसकी सुरक्षा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं.

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Last Updated : Dec 17, 2020, 7:35 PM IST

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