हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

करगिल विजय दिवस: बदहाली का दंश झेल रहा शहीदी स्मारक, हमीरपुर प्रशासन ने बंद कमरे में मनाया विजय दिवस

करगिल विजय दिवस के नाम पर आयोजित कार्यक्रम औपचारिकता से अधिक नजर नहीं आया. एक ओर जिला प्रशासन ने हमीर भवन या यूं कहें कि बंद कमरे में शहीदी दिवस मनाया. वहीं पक्का भरो में बना शहीदी स्मारक सूना नजर आया. शहीदी स्मारक के हालात ऐसे हैं कि आप देखकर दंग रह जाएंगे.

By

Published : Jul 26, 2019, 4:51 PM IST

डिजाइन फोटो

हमीरपुर: वीरभूमि कहे जाने वाले जिला हमीरपुर में 8 वीर सपूतों ने करगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च शहादत दी थी लेकिन जिला प्रशासन हमीरपुर इस शहादत को श्रद्धांजलि देना तो दूर शहीदों के नाम पर बने स्मारकों को संभालने में भी फिसड्डी साबित हो रहा है.

शुक्रवार को करगिल विजय दिवस के नाम पर आयोजित कार्यक्रम औपचारिकता से अधिक नजर नहीं आया. एक ओर जिला प्रशासन ने हमीर भवन या यूं कहें कि बंद कमरे में शहीदी दिवस मनाया. वहीं पक्का भरो में बना शहीदी स्मारक सूना नजर आया. शहीदी स्मारक के हालात ऐसे हैं कि आप देखकर दंग रह जाएंगे. शहीदों से सीधे तौर पर जुड़ी इन यादों को संभालने में नाकाम जिला प्रशासन हमीरपुर फिसड्डी ही नजर आ रहा है.

ये भी पढ़े: करगिल विजय दिवस की 20वीं सालगिरह: मुख्यमंत्री जयराम ने अमर शहीद जवानों को किया नमन

बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से हमीर भवन में जिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में नाम मात्र ही लोगों की सहभागिता थी. हां यह जरूर था कि करगिल शहीदों के परिवारों को बुलाया तो गया था लेकिन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर महज कार्यक्रम को निपटाने का ही काम हुआ शहीदों के फोटो पर उनके नाम तक नहीं थे.

करगिल विजय दिवस पर कार्यक्रम

हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि अगले साल लोगों की सहभागिता भी इस कार्यक्रम में सुनिश्चित की जाएगी. बड़ा सवाल यह भी है कि हमीरपुर जिला प्रदेश का ऐसा जिला है जिसे वीर भूमि के नाम से जाना जाता है और यहां पर लगभग आधी आबादी प्रत्यक्ष तौर से भारतीय सेना से जुड़ी हुई है. लगभग हर दूसरे और तीसरे परिवार से व्यक्ति सेना में है. बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा विजय दिवस पर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि समझ से परे है।

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि कार्यक्रम में कुल 200 लोगों ने हिस्सा लिया है लेकिन वह यह स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकते हैं कि उसमें कितनी ऑफिशियल और कितने शहीदों के परिवार शामिल थे. पार्टिसिपेशन बढ़ाने को लेकर सैनिक वेलफेयर बोर्ड से भी चर्चा हुई है और आने वाले समय में बड़े मंच पर कार्यक्रम का आयोजन करने के प्रयास किए जाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details