POSITIVE BHARAT PODCAST: 'तुम मत आओ, मैं संभाल लूंगा' ये कहते हुए अलविदा कहने वाले मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के बलिदान की कहानी
आज भी उस घटना को याद कर रूह कांप जाती है, जब 26 नवंबर, 2008 को मुंबई दहली थी. 26 नवंबर 2008 की रात, दक्षिणी मुंबई की कई प्रतिष्ठित इमारतों पर आतंकवादियों ने हमला किया. इनमें से एक इमारत जहां आतंकवादियों ने लोगों को बंधक बना लिया, वह 100 साल पुराना ताज महल पैलेस होटल था. इस हमले (2008 Mumbai attacks) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे, लेकिन इन सबके बीच जो हमारी रक्षा में जुटे हुए थे, वो थे-हमारे जवान, हमारी फौज. इन्हीं जवानों में से एक थे संदीप उन्नीकृष्णन. आतंकियों से लड़ते-लड़ते (sandeep unnikrishnan life story) और लोगों को बचाते-बचाते मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने अपनी जान तक न्यौछावर कर दी और शहीद हो गए. 'तुम मत आओ, मैं संभाल लूंगा' ये कहते हुए दुनिया से अलविदा कहने वाले जांबाज मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन के संघर्ष की कहानी आज आपको सुनाएंगे, जिनके (Positive Bharat Podcast) जीवन के संघर्ष और देश को दिए बलिदान से आप में भी देश भक्ति की भावना उजागर होगी. मेजर उन्नीकृष्णन के बलिदान से ये सीख मिलती है कि जब भी मातृभूमि के लिए जान गंवाने की बारी आए, तब उस दौरान कैसे सहर्ष आगे आकर खुद को बलिदान कर देना चाहिए, क्योंकि खुशनसीब होता है वह खून जो देश के काम आता है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:19 PM IST