यमुनानगर: नागरिकता संशोधन कानून पर जहां एक और पूरे देश में घमासान मचा हुआ है, वहीं अब इस कानून के समर्थन में पहली बार साधु समाज भी खुलकर सामने आ रहा है. अंतरराष्ट्रीय संत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानचंद ने कहा कि इस कानून का विरोध करने वाले तत्व शांति और सद्भाव को नहीं समझते हैं और सरकार भी लोगों को इस कानून के बार में कायदे से समझआ नहीं पा रही है और न ही लोग इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं
'CAA आनादि काल से चली आ रही पंरपरा की है झलक'
उन्होंने कहा कि ये कानून अनादि काल से चली आ रही भारत की परंपरा की झलक है. जिसमें शरण में आने वाले हर व्यक्ति को सम्मान दिया जाता था. फिर चाहे शरणार्थी भगवान राम की शरण में आया हो या फिर कृष्ण की शरण में. हर काल में सभी शरणार्थियों का सम्मान होता था. ठीक उसी प्रकार इस कानून में भी शरण में आए हुए को सम्मान और अधिकार देने की ही बात हैं.