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पीटीआई शिक्षक मामला: कैबिनट मंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित

पिछले कई दिनों से पीटीआई शिक्षकों के धरना-प्रदर्शन को लेकर अब सरकार की तरफ से बातचीत शुरू हो चुकी है. निष्पक्ष कार्रवाई के लिए कैबिनेट मंत्री चौ. रणजीत सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

three member committee constituted under the chairmanship of the cabinet minister in PTI teacher case
बिनट मंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित

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Published : Jun 18, 2020, 7:42 PM IST

सिरसा: नौकरी से निकाले गए पीटीआई अध्यापकों का जिले लघु सचिवालय के सामने धरना व आमरण अनशन चौथे दिन भी जारी रहा. हालांकि शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है, जिसके बाद कैबिनेट मंत्री चौ. रणजीत सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

बातचीत भी होगी, धरना भी

ये तीन सदस्यीय कमेटी पीटीआई अध्यापकों को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी जिसके आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. अध्यापकों का कहना है कि जब तक कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपती तब तक उनका धरना और आमरण अनशन जारी रहेगा.

गठित कमेटी पर पीटीआई शिक्षकों ने दी प्रतिक्रिया, देखिए वीडियो

बात नहीं बनी तो आंदोलन होगा

धरने पर बैठे लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री की तरफ से बनाई गई समिति के साथ प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर पीटीआई की मांगों से उन्हें अवगत करवाया है. सरकार से उनकी बहाली के लिए रास्ता निकालने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने तक आंदोलन जारी रहेगा. अगर रिपोर्ट उनके खिलाफ आती है तो आंदोलन की आगामी रणनीति राष्ट्रीय कमेटी की तरफ से तय की जाएगी.

सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप

पीटीआई शिक्षकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस मामले में राजनीति कर रही है. उनका सवाल है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के बहुत से आदेश आ चुके हैं. क्या सरकार ने सबको माना है? गेस्ट टीचर के मामले में भी पोस्ट के आदेश आए थे. एसवाईएल पर फैसला भी कोर्ट दे चुकी है. क्या सरकार उसे मान रही है, तो फिर हमारे साथ भेदभाव क्यों?

क्या है पूरा मामला?

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

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