सिरसा: चुनाव नजदीक हैं और सभी सियासी दल प्रचार -प्रसार में जुट गए हैं. ऐसे में हरियाणा की राजनीति का जोड़तोड़ चरम पर पहुंच गया है. दुष्यंत चौटाला, चाचा अभय चौटाला को पछाड़ने के लिए बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं. दरअसल खबरें आ रही हैं कि जिले के ऐलनाबाद सीट से दुष्यंत चौटाला विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं और चाचा को टक्कर दे सकते हैं.
चाचा-भतीजे में जोरदार टक्कर
हालांकि अभी ये निश्चित नही है कि दुष्यंत ऐलनाबाद सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं. लेकिन दिग्विजय चौटाला ने ये संकेत दिए हैं कि दुष्यंत ऐलनाबाद से ही विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. आपको बात दें नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला इस सीट से विधायक हैं.
जनता की राय
चाचा- भतीजे के इस जोरदार टक्कर के बीच ETV BHARAT की टीम ने ऐलनाबाद की जनता से उनकी राय जानी कि आने वाले चुनावों में दोनों में से कौन खरा उतर सकता है.
चाचा-भतीजे में जोरदार टक्कर पार्टी में बिखराव
अप्रैल 1998 में ओपी चौटाला ने इनेलो का गठन किया. जिसके दो दशक बाद पार्टी में बिखराव आ गया. चौटाला ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके बेटे अजय और अभय की सियासी राहें इतनी अलग हो जाएंगी कि दोनों के रिश्तों में दरार आ जाए.
ऐलनाबाद सीट पर घमासान
जिस ऐलनाबाद सीट के लिए चाचा-भतीजे में इतना घमासान मचा हुआ है. उस सीट का इतिहास क्या है वो भी जानिए.
ऐलनाबाद सीट का इतिहास
- अभय चौटाला ने 2000 में रोड़ी विधानसभा में पहली जीत दर्ज की
- 2009 में ऐलनाबाद से उपचुनाव जीता
- 2014 में भी अभय चौटाला ने इस सीट पर जीत दर्ज की
- ऐलनाबाद सीट पर उसी का कब्जा रहा जो देवीलाल के परिवार से जुड़ा हो
- 1968 और 1991 में इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा
- साल 2008 में सामान्य सीट बन जाने के बाद यहां चौटाला परिवार का कब्जा रहा
- राजनीतिक रूप से ये सीट 2009 में चर्चा में आई
दुष्यंत चौटाला का सियासी सफर
साल 2013 में दुष्यंत चौटाला ने उस सक्रिय सियासत में अपने कदम बढ़ाए जब उनके दादा ओपी चौटाला और पिता अजय चौटाला को जेल हो गई. हालांकि साल 2009 में दुष्यंत को पार्टी ने डबवाली, महेंद्रगढ़ और उचाना विधानसभाओं की जिम्मेदारी दी और तीनों विधानसभाओं में उस समय पार्टी को जीत मिली. अक्तूबर 2011 के हिसार संसदीय उपचुनाव में भी उनकी ड्यूटी लगी. नके दादा और पिता को जेल हो जाने के बाद पार्टी ने दुष्यंत को हिसार जैसे संसदीय क्षेत्र में उतारा गया. जहां उनके सामने हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप बिश्रोई थे. उस समय मोदी लहर में भी दुष्यंत ने कुलदीप को करीब 31 हजार 847 वोटों से हराया था.
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में इनेलो का प्रदर्शन
सालसीटवोट प्रतिशत
- 2005 926.77
- 20093125.79
- 20141924.11