रोहतक: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल, जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार को आईएमटी स्थित एक उद्योग प्लांट में रसायन रिसाव की औद्योगिक आपदा से निपटने के लिए मॉकड्रिल की. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के साथ हरियाणा अग्निश्मन एवं आपातकालीन सेवाएं, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला रेडक्रॉस सोसायटी, पुलिस विभाग, आईएमटी पुलिस थाना रोहतक और उद्योग प्लांट की सुरक्षा टीम ने इस मॉकड्रिल में हिस्सा लिया. मंगलवार सुबह 11 बजकर तीन मिनट पर एक उद्योग प्लांट में सायरन के साथ ज्वलनशील रसायन मोनोआईसोबुटाइल के लीकेज की आपदा घोषित की गई. इसी के साथ सुरक्षा टीमें आपदा प्रबंधन के कार्य में जुट गईं.
अग्निश्मन वाहन तुरंत मौके पर पहुंचे तथा फोम का छिड़काव कर आग पर काबू पाने की मॉकड्रिल की गई. रसायन आपदा की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष रोहतक व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल को दी गई. संयंत्र की सुरक्षा टीम द्वारा एक घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर की मदद से एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया. पुलिस की टीम आईएमटी पुलिस थाना प्रभारी के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और घटना स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए.
अग्निश्मन कर्मियों ने 2 घायलों को स्ट्रैचर के माध्यम से एंबुलेंस तक पहुंचाया. पढ़ें :मौत की झील! हरियाणा की कोटला झील में सेल्फी लेते समय डूबी नाव, 4 दोस्तों की मौत, एक को सुरक्षित निकाला
एडीसी महेंद्रपाल इंसीडेंट कमांडर के तौर पर मॉकड्रिल के दौरान उपस्थित रहे और आपदा प्रबंधन टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. हरियाणा अग्निश्मन एवं आपातकालीन सेवाओं की टीम 2 अग्निश्मन वाहनों के साथ घटना स्थल पर पहुंची. इसके साथ-साथ एक एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची. अग्निश्मन कर्मियों द्वारा 2 घायलों को स्ट्रेचर के माध्यम से एंबुलेंस तक पहुंचाया, जिन्हें प्रथम चिकित्सा सेवा के कैंप तक पहुंचाया गया.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल की टीम ने इस मॉकड्रिल में हिस्सा लिया. इसी दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल 7वीं वाहिनी की 31 सदस्यीय टीम सहायक सेना नायक ओपी बिश्नोई तथा निरीक्षक रमाकांत पटेल के नेतृत्व में घटना स्थल पर पहुंची. यह टीम सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित होकर गैस टैंकर के पास पहुंची तथा गैस टैंकर से गैस रिसाव को बंद किया. इसके बाद दूसरी टीम द्वारा रसायन के रिसाव का पता लगाया तथा अगली टीम द्वारा 2 घायल मजदूरों को स्ट्रैचर के माध्यम से राहत शिविर तक ले जाया गया, जहां पर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया.
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इसके बाद इंसीडेंट कमांडर ने आपदा प्रबंधन के टीम कमांडर को भवन के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दिशा-निर्देश दिए. इस टीम द्वारा सुरक्षा उपकरणें के साथ भवन में प्रवेश किया तथा संयंत्र में कार्यरत 279 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. इसके बाद 112 नम्बर पर डायल कर आपदा प्रबंधन का कार्य पूर्ण होने की सूचना दी गई. रोहतक में मॉकड्रिल की इस पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया.