रोहतक: दलितों के कार्यक्रम में शिरकत कर आम लोगों के बीच हिंसा भड़काने का आरोप झेल रहे बीजेपी के मंत्रियों के कार्यक्रम का विरोध अब किसान नहीं बल्कि खुद दलित समाज के लोग करेंगे. किसान आंदोलन के चलते विरोध झेल रहे बीजेपी के मंत्रियों के विरोध का किसान नेताओं ने नया तरीका अख्तियार किया है. अब किसान बैकफुट पर आ गए हैं. जबकि दलित समाज के लोगों को आगे किया जा रहा है.
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सीएम के हेलिकॉप्टर के लिए प्रशासन ने बनाए हैं 6 हेलीपैड
किसान नेताओं ने इसके पीछे तर्क दिया है कि वे अंबेडकर का सम्मान करते हैं. इसलिए उनके कार्यक्रमों का विरोध किसान नहीं बल्कि इस कार्यक्रम का विरोध दलित समाज के लोग करेंगे. बता दें कि, 3 अप्रैल को रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विरोध में पुलिस और किसानों के बीच झड़प के बाद करीब दर्जनभर किसानों को लगी चोट के बाद जहां प्रशासन ने सबक लेते हुए एक या दो जगह नहीं बल्कि 6 जगह हेलिपेड बनाए हैं. वहीं किसान भी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं.
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सीएम के रोहतक दौरे से पहले हुई दलित पंचायत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रोहतक दौरे से एक दिन पहले बड़े स्तर पर दलित पंचायत हुई. जिसमें फैसला लिया गया कि अंबेडकर जयंती पर किसान नहीं बल्कि दलित ही मुख्यमंत्री का विरोध करेंगे. इसके पीछे किसान नेताओं का तर्क है कि बीजेपी नेता जानबूझकर दलित और पिछड़े वर्ग के कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. ताकि किसानों और दूसरे समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष बढ़ जाए. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी दलित पंचायत में रोहतक पहुंचे थे.
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सीएम के कार्यक्रम का दलित समाज के लोग करेंगे विरोध: गुरनाम सिंह चढूनी
पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हम बाबा भीमराव अंबेडकर का सम्मान करते हैं. इसलिए उनके कार्यक्रमों में विरोध नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कल मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी किसान विरोध नहीं करेंगे. जबकि दलित समाज के लोग इसका विरोध करेंगे और किसान इनके पीछे रहेंगे.
हालांकि उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला का विरोध किया जाएगा. गौरतलब है कि 14 अप्रैल को सोनीपत के राई में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कैथल में दुष्यंत चौटाला अंबेडकर जयंती में शिरकत करेंगे. जहां पर किसान विरोध करेंगे.