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हरियाणा का ऐसा स्टेडियम, जहां प्रेक्टिस करने से डरते हैं खिलाड़ी, जानें पूरा मामला

पानीपत औद्योगिक एरिया में बने सिंथेटिक ट्रैक और स्टेडियम में खिलाड़ी प्रैक्टिस करने के लिए नहीं जाते. खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम में प्रैक्टिस करना उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

Panipat Industrial Area
Panipat Industrial Area

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Published : Feb 23, 2023, 4:32 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 2:46 PM IST

स्टेडियम में खिलाड़ी प्रैक्टिस करने के लिए नहीं जाते

पानीपत: पानीपत के खिलाड़ियों को सिंथेटिक ट्रैक और इनडोर गेम्स वाले स्टेडियम की काफी आस थी. आखिरकार खिलाड़ियों की आस पूरी भी हुई. स्टेडियम बनकर तैयार हुआ, लेकिन स्टेडियम पर खिलाड़ी कोई नहीं पहुंचा क्योंकि सरकार की ओर से बनाये गये 28 करोड़ के इस स्टेडियम की जगह गलत चुन ली गई. सरकार ने स्टेडियम को सेक्टर-29 के इंडस्ट्रियल एरिया के पास बना दिया. इस एरिया के पास बनी फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं ने खिलाड़ियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी.

पानीपत के सेक्टर-29 इंडस्ट्रियल एरिया के पीछे चौटाला रोड पर बने स्टेडियम में शुरुआती दौर में खिलाड़ी अभ्यास करने पहुंचे. पर प्रैक्टिस के दौरान खिलाड़ियों को फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त धुएं से बड़ी परेशानी होती है. खिलाड़ियों के मुताबिक फैक्ट्री की चिमनी से निकलने वाले धुएं से एथलीट की सांसें फूलने लगती हैं. यही कारण है कि धीरे-धीरे इस स्टेडियम से हजारों की संख्या में पहुंचने वाले खिलाड़ी एक-एक करके कम होते चले गए. सुबह और शाम के लिए अब यहां मात्र 50 से 60 खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए पहुंचते हैं. सभी खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए पानीपत के पुराने शिवाजी स्टेडियम में जाते हैं. सुविधा ना होने के बावजूद भी खिलाड़ी पुराने स्टेडियम में सिर्फ इसलिए पहुंच रहे हैं क्योंकि वह अपने करियर के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहते.

स्टेडियम के पास फैक्ट्री से निकल रहा धुआं
खिलाड़ियों ने बताया कि सरकार ने पहली बार पानीपत में सिंथेटिक ट्रैक से लैस स्टेडियम बनाया है. सरकार की सबसे बड़ी गलती है कि सरकार ने स्टेडियम को इंडस्ट्रियल एरिया पानीपत के बीच में बनाया है. शहर से 12 किलोमीटर दूर स्टेडियम बनाने के कारण सबसे पहले खिलाड़ियों को स्टेडियम जाने में हालत खराब हो जाती है. इसके बाद स्टेडियम के पास बने इंडस्ट्रियल एरिया से निकलने वाला धुंआ परेशानी को बढ़ा देता है. सुविधाओं के नाम पर इस स्टेडियम में सिर्फ खानापूर्ति की गई है.

पानीपत स्टेडियम के सिंथेटिक ट्रैक के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन तार खिलाड़ियों के लिए कभी भी हादसे का सबब बन सकती है. खिलाड़ियों का कहना है कि डिस्कस थ्रो और जैवलिन थ्रो के खिलाड़ियों की जैवलिन इन हाईटेंशन तारों से टकरा जाती है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. सिंथेटिक ट्रैक बारिश के दिनों में गुब्बारे की तरह फूल जाता है. उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ दिखावा मात्र ही सुविधाएं दी गई है.

पानीपत औद्योगिक एरिया

एथलीट्स का कहना है कि यहां प्रैक्टिस करने के दौरान उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक आम इंसान को जितनी ऑक्सीजन की जरूरत होती है. उससे 40% ज्यादा एक एथलीट को प्रैक्टिस के दौरान ऑक्सीजन की जरूरत होती है और यहां उड़ने वाला समूह और पॉल्यूशन उतनी ही तेजी से एक एथलीट के फेफड़ों तक पहुंचता है, जिससे सांस फूलना फेफड़ों में कफ बनना, जैसी कई बीमारियां बन जाती है. जो एथलीट का करियर बनाने से पहले ही बर्बाद कर सकती है.

Last Updated : Feb 25, 2023, 2:46 PM IST

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