पंचकूला: जिला पंचकूला के लोग पिछले कई साल से आवारा कुत्तों के खौफ में जी रहे हैं. रास्ते में टहलने वाले कुत्ते लोगों की मुसीबत बने हुए हैं. बड़ी संख्या में लोग इसके शिकार हो रहे हैं. पिछले एक साल की बात करें तो आवारा कुत्तों ने करीब 4 हजार लोगों को काट चुके हैं. यहां तक कि कुत्तों के बुरी तरह काटने से कई बच्चों की जिंदगी भी खतरे में पड़ चुकी है.
पंचकूला के लोगों के लिए आवारा कुत्तों का खतरा हर साल बढ़ता जा रहा है. यही कारण है कि दिसंबर 2018 में पंचकूला के गांव सुखदर्शनपुर में करीब चार करोड़ की लागत से एक कैनल हाउस बनाया गया. यहां कुत्तों की नसबंदी करने के बाद कानून वापस उसी जगह पर छोड़ना होता है, जहां से उन्हें उठाते हैं. चार करोड़ के बने इस कैनल हाउस के बावजूद लोगों की मुसीबत कम नहीं हुई.
गांव सुखदर्शनपुर के कैनल हाउस का ठेका अलग-अलग लोगों को दिया जाता है. टेंडर प्रक्रिया में सस्ती दरों पर सुविधा प्रदान करने का दावा करने वाले व्यक्ति को ठेका अलॉट किया जाता है. वर्तमान समय में भी कुत्तों की नसबंदी का काम गांव सुखदर्शनपुर में एक ठेकेदार को सौंपा गया है. जिला पंचकूला की विभिन्न जगहों से कुत्तों को नसबंदी के लिए पकड़कर गांव सुखदर्शनपुर के कैनल हाउस लाया जाता है. यहां 3 से 5 दिनों में नसबंदी और फिर देखरेख के बाद कुत्तों को वापस पुरानी जगहों पर छोड़ना पड़ता है. नतीजतन लोगों का खतरा कम नहीं हो पाता.
पंचकूला में जून 2023 तक कुत्तों के काटने के मामले.
महीना/2023 | काटने के मामले |
जनवरी | 411 |
फरवरी | 280 |
मार्च | 378 |
अप्रैल | 359 |
मई | 379 |
जून | 359 |