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AJL प्लॉट आवंटन मामले में बढ़ी सुनवाई, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परमानेंट डिस्चार्ज पर होनी थी बहस - हुड्डा को डिस्चार्ज मामला सीबीआई

एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में अब अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी. बचाव पक्ष द्वारा हुड्डा को डिस्चार्ज करने को लेकर याचिका लगाई गई थी जिस पर सीबीआई कोर्ट में जवाब दायर किया गया था. 29 अक्टूबर को जवाब पर बहस होगी, जिसके बाद सीबीआई कोर्ट हुड्डा को मामले में डिस्चार्ज करने को लेकर अपना फैसला सुनाएगी.

panchkula cbi court

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Published : Oct 22, 2019, 5:26 PM IST

पंचकूला:एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आरोपी मोतीलाल वोहरा कोर्ट में पेश नहीं हुए. आरोपियों के कोर्ट में पेश ना होने के चलते मामले की सुनवाई में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी. मामले की अगली सुनवाई अब 29 अक्टूबर को होगी.

आपको बता दें कि बचाव पक्ष द्वारा मामले में आरोपी मोतीलाल की ओर से उनकी उम्र और मेडिकल कारणों के चलते परमानेंट असम्पशन के लिए याचिका लगाई थी, जिसको सीबीआई कोर्ट ने मंजूर कर लिया था. जिसके चलते आरोपी मोती लाल वोहरा पेश नहीं हुए. वहीं आरोपी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी कोर्ट में डिस्चार्ज असम्पशन लगाई गई.

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क्या है एजेएल प्लॉट आवंटन मामला ?
भूपेंद्र हुड्डा पर आरोप है कि उनकी सरकार के दौरान नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) को साल 2005 में नियमों के विपरीत भूखंड आवंटित किया गया. इससे सरकार को 67.65 लाख रुपये का नुकसान हुआ. ये प्लाट पंचकूला के सेक्टर छह में सी-17 है.

ये प्लॉट 24 अगस्त 1982 को आवंटित किया गया था. तब चौधरी भजनलाल मुख्‍यमंत्री थे. उस समय इसे नेशनल हेराल्ड के हिंदी संस्करण नवजीवन को दिया गया था. कंपनी को इस पर छह महीने में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था. कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई.

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