नूंह हिंसा से प्रभावितों के लिए मसीहा बनी अमन कमेटी नगीना नूंह: हरियाणा के जिला नूंह में हिंसा से निकली चिंगारी मेवात जिले की राजधानी बडकली चौक तक भी पहुंच गई थी. बडकली चौक पर आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थी. इसी दौरान बडकली चौक पर रेहड़ी लगाकर फल इत्यादि बेचने वाले गरीब दुकानदारों की रेहड़ियों को या तो आग के हवाले कर दिया था, या फिर उन्हें तोड़ दिया गया था.
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इस हिंसा में गरीबों की रोजी-रोटी का साधन रेहड़ी व तख्त इत्यादि आगजनी की वजह से राख हो चुके थे. ऐसे में उन गरीब परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. पिछले करीब 29 दिन से इलाके में लगी धारा 144 की वजह से दुकानदार अपनी रेहड़ी-पटरी नहीं लगा पा रहे थे. अमन कमेटी नगीना उनके लिए देवता बनकर सामने आई है.
अमन कमेटी नगीना के सदस्यों ने अपने खर्चे से इन गरीब दुकानदारों के लिए आठ रेहड़ी एवं तीन लकड़ी के तख्त बनाकर तैयार कर लिए हैं. इनका रंग रोगन इत्यादि किया जा रहा है. जल्दी ही गरीब दुकानदारों को यह रेहड़ियां वितरित कर दी जाएंगी. कुल मिलाकर करीब 29 दिन बाद एक बार फिर से नूंह जिले की राजधानी कहलाने वाले बडकली चौक पर लोगों व वाहनों की आवाजाही बढ़ी है.
अमन कमेटी ने जिन गरीब लोगों को रेहड़ी व लकड़ी तख्त देने का फैसला लिया है, उनमें 10 दुकानदार हिंदू समाज से हैं. तो महज एक दुकानदार मुस्लिम समाज से है. नगीना अमन कमेटी ने यह बड़ा फैसला लेकर न केवल जल्द से जल्द आपसी भाईचारे को बहाल करने की तरफ बड़ा कदम बढ़ाया है. बल्कि इलाके में हिंदू-मुस्लिम एकता को भी प्रगाढ़ करने का काम कर दिया है.
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अमन कमेटी नगीना के इस सराहनीय काम की जमकर प्रशंसा हो रही है. कुल मिलाकर जिले के अन्य शहरों व कस्बों में भी इसी तरह से अमन कमेटियों व धनाढ्य लोगों को आगे आने की जरूरत है. ताकि गरीबों का जनजीवन फिर से सामान्य हो सके. काबिले गौर बात यह है कि अमन कमेटी नगीना से गरीबों की मदद करने वाले अधिकतर सदस्य मुस्लिम समाज से हैं. वैसे कमेटी में करीब 61 सदस्य हैं, जो सभी समाज से शामिल किए गए हैं.